नाकारा होगा तू खुद तुझे पता नहीं होगा
नक्कारखाना कहता है जिसे तू
वहां तूती बजाना तेरे लिए ही आसान होगा
नक्कारखाना कहता है जिसे तू
वहां तूती बजाना तेरे लिए ही आसान होगा
अब तक तो निगल लेनी चाहिये थी
तुझे भी गले में फंसी हड्डियां
तुझ सा बेवकूफ यहाँ नहीं होगा तो कहां होगा
सोच ले सपने में भी हर कोई जहां
किसी बीन की आवाज के बिना भी
कदम ताल कर रहा होगा
किसी बीन की आवाज के बिना भी
कदम ताल कर रहा होगा
शर्म तुझे आनी चाहिए वहां
किसलिए अपने आसपास के लेनदेन को
रोज खुली आँखों से तू क्यों देखता होगा
किसलिए अपने आसपास के लेनदेन को
रोज खुली आँखों से तू क्यों देखता होगा
पढ़ने वाले तेरे लिखे को पढ़े लिखे ही होते होंगे
उन्हें भी सारा सब कुछ सही समय पर
मालूम होता ही होगा
उन्हें भी सारा सब कुछ सही समय पर
मालूम होता ही होगा
रेंकता रह गधा बन कर
दिखाने के लिए गधे चारों और के अपने
गधा भी इस सब के लिए कुछ तो कर रहा होगा
दिखाने के लिए गधे चारों और के अपने
गधा भी इस सब के लिए कुछ तो कर रहा होगा
और
खुदा भी जब जमीं पर आसमां से देखता होगा
इस गधे को इतना गधा किसने बनाया सोचता होगा
इस गधे को इतना गधा किसने बनाया सोचता होगा
इक गधा इतनी आसानी से
इक इशारे के साथ घोड़ों को घसीटता
शेर्रों को कुत्ता बना कर लपेटता होगा
इक इशारे के साथ घोड़ों को घसीटता
शेर्रों को कुत्ता बना कर लपेटता होगा
‘उलूक’ लिखता होगा पागलों की किताबें
पागलों के जंगल में बैठ कर
पाठ्यक्रम
पागलों के जंगल में बैठ कर
पाठ्यक्रम
अम्बेडकर ने भी तो सोच कर ही दिया होगा
इस बार करनी है आत्महत्या
या रुक लें पांच और साल
या देखना है अभी भी
कि कोई पागल पागल खेलता हुआ
पागल हो गया होगा |
इस बार करनी है आत्महत्या
या रुक लें पांच और साल
या देखना है अभी भी
कि कोई पागल पागल खेलता हुआ
पागल हो गया होगा |
चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/
आत्महत्या तो हर हाल में करनी पड़ेगी सर।
जवाब देंहटाएंकुछ जानते-बूझते होंगे और कुछ अनजान-नादान होंगे, सभी के लिए एक ही हवन-कुंड है रास्ते भले अलग हों।
प्रणाम सर
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार १६ अप्रैल २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंखुदा भी जब जमीं पर आसमां से देखता होगा
जवाब देंहटाएंइस गधे को इतना गधा किसने बनाया सोचता होगा...जरूर सोचता होगा।
लाजवाब।
आपको सपरिवार तथा ब्लॉग के सभी पाठकों को राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
दो-चार और पाँच साल रुक-रुक देखने के अलावे क्या करना है...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना