सारे शिव
डरपोक
हलाहल
गटके हुऐ
गले गले
नीले पड़े
दिखा रहे हैं
साँपों को
समझा रहे हैं
साँपों को
शाँत रहें
साँप बने रहें
सारे साँप
मौज में हैं
शिव के गले में
माला डाले हुए हैं
हर जगह
शिव ही शिव हैं
हर जगह
साँप ही साँप हैं
डस कोई
किसी को
नहीं रहा है
साँप साँप
के साथ है
और
रह रहा है
परेशान मेंढक
और चूहे हैं
इधर के
साँप से
भी डर है
उधर का साँप भी
निगलने को
तैय्यार है
यहाँ का साँप
वहाँ चला जाता है
बस एक खबर में
चला गया है
कोई बताता है
वहाँ का साँप
यहाँ चला आता है
किसी को कोई
फर्क नहीं
पड़ पाता है
साँप चूहे
छुछूँन्दर
के खेल में
कब कौन साँप
कौन चूहा
कौन छुछून्दर
हो जाता है
‘उलूक’
देखता है
समझता है
बस जानवर
जानवर खेल
नहीं पाता है
आदमी हो लेने
के प्रयास में
मायूस हो जाता है
साँप बना आदमी
आदमी को साँपों
की सोच से डराता है ।
चित्र साभार: Best Clip Art Images
डरपोक
हलाहल
गटके हुऐ
गले गले
नीले पड़े
दिखा रहे हैं
साँपों को
समझा रहे हैं
साँपों को
शाँत रहें
साँप बने रहें
सारे साँप
मौज में हैं
शिव के गले में
माला डाले हुए हैं
हर जगह
शिव ही शिव हैं
हर जगह
साँप ही साँप हैं
डस कोई
किसी को
नहीं रहा है
साँप साँप
के साथ है
और
रह रहा है
परेशान मेंढक
और चूहे हैं
इधर के
साँप से
भी डर है
उधर का साँप भी
निगलने को
तैय्यार है
यहाँ का साँप
वहाँ चला जाता है
बस एक खबर में
चला गया है
कोई बताता है
वहाँ का साँप
यहाँ चला आता है
किसी को कोई
फर्क नहीं
पड़ पाता है
साँप चूहे
छुछूँन्दर
के खेल में
कब कौन साँप
कौन चूहा
कौन छुछून्दर
हो जाता है
‘उलूक’
देखता है
समझता है
बस जानवर
जानवर खेल
नहीं पाता है
आदमी हो लेने
के प्रयास में
मायूस हो जाता है
साँप बना आदमी
आदमी को साँपों
की सोच से डराता है ।
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