उलूक टाइम्स: सच सुन आ पर पहले बीमा करा

रविवार, 12 अगस्त 2012

सच सुन आ पर पहले बीमा करा

सच को कहने से पहले
मीठा बनाना चाहिये
सीधे सीधे नहीं कुछ
घुमा फिरा के
लाना चाहिये
सच को कहना ही
काफी नहीं होता
उसको सच की तरह
समझाना भी तो
आना चाहिये
सच कहो तो
बहुत कम पचा
पाते हैं लोग
कहने वाले को
इतना तो समझ में
आना ही चाहिये
सच को पहले तो
किसी से कहना
ही नहीं चाहिये
कहना ही पढ़ जाये
किसी मजबूरी से अगर
तो पानी मिला के पतला
कर ही लेना चाहिये
साथ में हाजमोला
टाईप की कोई गोली
को भी देना चाहिये
खुले में ना कहकर
बंद कमरे में ले जाकर
कह देना चाहिये
सब से महत्वपूर्ण
बात सुन लीजिये
कहने से पहले एक
वैधानिक चेतावनी को
सुनने वाले को जरूर
ही दे देना चाहिये
इसमें सच है सच कहा है
सच को सुनने से अगर
आपको दुख होता है
तो आपको इसको नहीं
ही सुनना चाहिये
सुनना ही चाहते हो
फिर भी अगर तो
सच सुनने से होने वाले
नुकसान का बीमा
करा लेना चाहिये ।

9 टिप्‍पणियां:

  1. वाह: सुशील जी !ये तो सुना था कि सच कड़वा होता है ..पर क्या इतना जहरीला भी होता है जो सुनने से पहले बीमा करवाने की जरुरत पड़ जाए...खैर ये तो मजाक है .कल भी मजाक ही था..सच को वयान करती सटीक अभिव्यक्ति..आभार..

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  2. बहुत अच्छा व्यंग सच हमेशा कडवा ही लगता है --इसी लिए वो वाक्य प्रचलित है ना --की एक बात कहूँ बुरा मत मानना ----सच कहने से पहले कुछ इसी तरह कहना चाहिए

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  3. सच कहना और सुनना दोनों ही कठिन है।

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  4. अगर बीमा नहीं है तो धीमा कह और सुन लेना चाहिए !

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  5. सच सुनने से होने वाले
    नुकसान का बीमा
    करा लेना चाहिये ।

    क्या बात है बढ़िया ...

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  6. उफ़ ... सच बोलना कितना कठिन है ...
    ये भी सच ही कहा है आपने ..

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