उलूक टाइम्स: भारतीय
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बुधवार, 17 जून 2015

सच यही है हम सब मतलब सब भारतीय हैं (राष्ट्रीय चरित्र)

बीच बीच में
कुछ कुछ
देर के लिये
भ्रम होते ही हैं

चमकना
शुरु
करता है
एक पत्थर

धीरे धीरे
उसके सोना
हो जाने
की खबर
खबरची
लेकर आता है

ढोल नगाढ़े
बजते हैं
नाच गाना भी
शुरु हो जाता है

फूल दिखते हैं
माला दिखती हैं

शादी विवाह में
क्या होता होगा
ऐसा अजब गजब
माहौल हो जाता है

जुटनी
शुरु होती है भीड़

कान में रूई
डाली जाती हैं
आँख में काले
पट्ट्ठे वाला चश्मा
डाला जाता है

मुँह में
भरे जाते हैं लड्डू

बोलना बंद
कराया जाता है

सोच
बंद करता है
अपनी अपनी
हर कोई

जमूरा होकर

जय हो जय हो
जय हो मदारी की
गाता है

पत्थर अपनी
जगह जैसा था
वैसा का वैसा
रह जाता है

खबरची
पैंतरा
बदलता है

हुर्र हुर्र
का हाँका
 लगाता है

पत्थर है
पत्थर है

सोने का रंग
चढ़वाता है
सोने का रंग
चढ़वाता है

जोर शोर से
चिल्लाता है

भ्रम
पहले का था
या
अब भ्रम है

समझ से
बाहर
हो जाता है

फख्र लेकिन
अपनी जगह पर
अपना रहता है

वही ढांढस
बंधवाता है

हम
अलग नहीं
हो सकते हैं

हम सब
भारतीय हैं
का नारा

पेट में
हो रही गुड़गुड़
के साथ ही
बहुत जोर शोर से
जोर लगाता है

‘उलूक’
खुश होता है
सोच कर

चलो
कभी कभी
एक बार
फिर से सही

कोई
उसको
उसकी
औकात की
याद दिलाता है ।

चित्र साभार: www.clipartpanda.com

शनिवार, 14 अप्रैल 2012

भारतीय ..... बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक ।

छुट्टी लो
बैंक हो आओ
बचे हुवे काम
निपटाओ

छोटे बैंक में
जा कर आओ
कोई डिपोसिट
मत दे आओ

चाय पियो
मिठाई भी खाओ
आते समय
कैलेण्डर ले जाओ

देश के
सबसे बड़े
बैंक में जाओ
लम्बी लाईन में
खड़े हो जाओ
आधा घंटा
दाढ़ी खुजलाओ

नम्बर आये
तो घबराओ
कुर्सी सामने की
खाली पाओ

इधर उधर
नजर दौड़ाओ
साहब जी
बतियाते पाओ
किस्मत अच्छी
धन्य हो जाओ
साहब जी
काउंटर पर पाओ

पासबुक अपनी
आगे बढ़ाओ
दो बड़ी आँखे
घूरते पाओ
अपना पैसा
दे तो जाओ
भीख माँगने तो
मत आओ

प्रिंटर की
शक्ल पर मत जाओ
पासबुक फंसे
मत घबराओ
वापस लेलो
डाँठ भी खाओ
फिर करवाना
सुन ले जाओ
लौट लो बुद्धू
घर को जाओ।

रविवार, 5 फ़रवरी 2012

गाय

हाथी बंदर मे
वो बात कहाँ
जो गाय और
बैल में है

गाय हमारी
माता है

हमको कुछ
नहीं आता है

बैल हमारा
बाप है

नम्बर देना
पाप है

बचपन से
सुनते आये हैं

गाय वाकई में

भारतीय है
बैल थोड़ा
चीनी
दिखाई
देता है

इसलिये
बैल कहीं
नहीं
दिखाई देता है


आदमी
की बात

जो नहीं
सोच पाता है

वो गाय से
समझाता है


गाय कभी
नहीं बताती

अपना धर्म
बैल ने भी
नहीं कहा

कभी वो
चीनी है


गाय बैल
के नाम

लड़ाई
मत करो


मुझे
बताओ ना

गाय के
बच्चा होता है

कैल्शियम
कैसे दिया

जाता है
उसे बच्चा

होने के बाद
और क्यों

कोई बतायेगा?