उलूक टाइम्स: लूटने
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मंगलवार, 18 अगस्त 2020

तो बेशरम उलूक कब छोड़ेगा तू लिखना बकवास छोड़ ही दे ये नादानी है

 

अरे 
सब तो
लिख रहे हैं 
कुछ ना कुछ 
मेरे लिखे से क्या परेशानी है 

मैं तो
कब से
लिख रहा हूँ 
मुझे खुद पता नहीं है 
मेरे लिखे लिखाये में कितना पानी है 

मेरे
लिखने से
किसलिये परेशान हैं 

आपके लिये
उठाने वाले  कलम
गिन लीजियेगा हजूर

हर
डेढ़ शख्स
फिदा है आप पर 
बाकी आधा
है या नहीं भी किसलिये सोचना 
है

लिख दीजियेगा
आँकड़े की कोई बे‌ईमानी है 

मेरा लिखना
मेरा देखना
मेरी अपनी बीमारी है 

अल्लाह करे
किसी को ना फैले
ये कोरोना नहीं रूमानी है

सब
देख कर लिखते हैं
फूल खिले अपने आसपास के 
झाड़ पर
लिखने की
मेरे जैसे खड़ूस ने खुद ही ठानी है 

सब अमन चैन तो है
सुबह के अखबार क्यों नहीं देखता है 

कहाँ भुखमरी है
कहाँ गरीबी है कहाँ कोई बैचेन है 

तेरे शहर की
हर हो रही गलत बात पर
नजर डालने वाला

जरूर
 कोई चीनी है
या पाकिस्तानी  है

पता नहीं
क्या सोचता है
क्या लिखता है
पागलों के शहर का एक पागल
काँग्रेस और भाजपा तो
आनीजानी है 


शहर
पागल नहीं है
हवा पानी में
कुछ मिला कर रखा है किसी ने
ना कहना
कितनी बेईमानी 
है 

कत्ल से लेकर
आबरू लूटने की भी 
नहीं छपी
इस शहर की कई कहानी है 


कोई
कुछ नहीं
कहता है यहाँ ‘उलूक’
यही तो
एक अच्छे शहर की निशानी है 


चित्र साभार: https://nohawox.initiativeblog.com/

बुधवार, 13 नवंबर 2013

चारा लूटने पर तो नहीं बोला था कि घबराहट सी हो जाती है

बहुत
बेचैनी है तुझे
कभी कभी
समझ से
बाहर
हो जाती है

अपनी अपनी
सबकी
हैसियत होती है

दिखानी भी
बहुत जरूरी
हो जाती है

जरूरत की
होती हैं चीजें

तभी
उधार लेकर भी
खरीदी जाती हैं

कौन सा
देना होता है
किसी को
एक साथ
वापस

कुछ किश्तें
ही तो बांध
दी जाती हैं

गर्व की
बात हो जाये
कोई चीज
किसी के लिये

ऐसे वैसे ही
बिना जेब
ढीली किये
तो नहीं
हो जाती है

जब
जा रही हो
बहुत ही
दूर कहीं
पगड़ी
देश की

क्या
होना है
रास्ते में
थोड़ा सा
सर से नीचे
अगर खिसक
भी जाती है

लाख करोड़
की
कई थैलियां

यूं ही
इधर से उधर
हो जाती हैं

ध्यान भी
नहीं देता कोई
ऐसे समाचारों पर

जब
रोज ही
आना इनका
आम सी बात
हो जाती है

महान है
गाय तक
जहां की

करोड़ों की
घास खा जाती है

तीसरी कक्षा
तक पहुंचने
के बाद ही तो
लड़खड़ाया है

वो भी
थोड़ा सा
की खबर
देश की
धड़कन को
अगर
कुछ बढ़ाती है

तेरा
कौन सा
क्या
चला जाने
वाला है
इस पर

यही बात

उलूक के
बिल्कुल भी
समझ में
नहीं आती है ।