उलूक टाइम्स: आदमी और सौर मण्डल

शनिवार, 16 जनवरी 2010

आदमी और सौर मण्डल

आदमी
घूमता है तारा बन
अपने ही बनाये सौर मण्डल में

घूमते घूमते भूल जाता है
घूमना है उसे
अपने ही सूरज के चारों ओर

जिंदगी के हर हिस्से के सूरज
नज़र आते हैंं उसे अलग अलग

घूमते घूमते
भूल जाता है चक्कर लगाना
और
लगने लगता है उसे

वो नहीं
खुद सूरज घूम रहा है
उसके ही चारों ओर ।

चित्र साभार: https://www.123rf.com/

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (01-09-2014) को "भूल गए" (चर्चा अंक:1723) पर भी होगी।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. ज्यादा घुमने वाले आदमी को घुमक्कड़ कहते है !...सुन्दर प्रस्तुति
    गणपति वन्दना (चोका )
    हमारे रक्षक हैं पेड़ !

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 21 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  4. जीवन का दूसरा नाम ही भ्रम है! 🙏

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