उलूक टाइम्स: चिट्ठों और चिट्ठाकारों का क्या होगा

रविवार, 27 जुलाई 2025

चिट्ठों और चिट्ठाकारों का क्या होगा



लिख ले कुछ अब अपने भी करतब
सोच नहीं सलाहकारों का क्या होगा
छिप लेंगे कुछ खबरों के पीछे
उस्तादों के व्यापारों का क्या होगा
तूती बोल रही जब करतूतों की
कालजयी सरोकारों का क्या होगा
परदे के पीछे खेल रहे खुद धागे
कठपुतली के व्यभिचारों का क्या होगा
किसने लिखनी है कलियुग में रामायण
धनुष यज्ञ के किरदारों का क्या होगा
छोटे छोटे कतरे लेखक के गोलक के
फूटी किस्मत के दरबारों का क्या होगा
हर रस का व्यापार रसीले सब व्यापारी
‘उलूक’ करता चल बकवास बिना सोचे
चिट्ठों और चिट्ठाकारों का क्या होगा

चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपका आप ही को
    ‘उलूक’ करता चल बकवास बिना सोचे
    चिट्ठों और चिट्ठाकारों का क्या होगा
    सादर वंदन

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  2. अरे सर सिम्पल बात ... होइहें वही जो राम रचि राखा :)
    सादर प्रणाम सर।
    -------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २९ जुलाई २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. लिख ले कुछ अब अपने भी करतब
    सोच नहीं सलाहकारों का क्या होगा
    छिप लेंगे कुछ खबरों के पीछे
    उस्तादों के व्यापारों का क्या होगा
    तूती बोल रही जब करतूतों की
    कालजयी सरोकारों का क्या होगा

    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ 🙏 प्रणाम गुरुजी

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  4. राजनीति की उठापटक के बीच आपकी क़लम गहरे कटाक्ष कर जाती है।

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  5. वाह!!!
    क्या बात...
    बहुत ही लाजवाब ।

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  6. भाईसाब आपके शब्दों में जो तंज है ना, वो किसी तलवार से कम नहीं। आपने हर पंक्ति में जैसे सिस्टम की गांठ खोल दी हो। कलियुग में रामायण की बात करना ही बगावत लगती है आजकल। आपने सवाल नहीं उठाए, आपने तो सच का आईना रख दिया सबके सामने।

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