कुछ
हंसते हंसते
हंसते हंसते
कुछ
रो धो कर
अपना घर
अपनी दीवार
रहने दे
सर मत मार
अपनी गाय
अपनी गाय
का
अपना गोबर
गोबर के कंडे
खुद ही बनाये गये
अपने ही हाथों से
हाथ साफ धोकर
अपना
ही घर
अपने ही
घर की दीवार
कंडे ही कंडे
अपना सूरज
अपनी ही धूप
अपने कंडे
कुरकुरे
खुद रहे सूख
अपने कंडे
अपनी आग
अपना जलना
अपनी फाग
अपने राग
अपने साग
आग पर लिख ना
साग पर लिख ना
राग बे राग पर लिख ना
जल से दूर
कहीं
पर जाकर
कुछ कुछ जल जाने
पर लिख ना
अपना अपना
होना खाक
थोड़ा पानी
थोड़ी राख
अपनी किताब
अपने पन्ने
अपनी अपनी
कुछ बकवास
अपना उल्लू
अपनी सीध
बेवकूफ
‘उलूक’
थोड़ा सा
कुछ
अब
तो सीख
तो सीख
अपनी गाय
अपना गोबर
अपने कंडे
अपनी दीवार
अपनी आग
अपनी राख
अपने अपने
राग बे राग
अपने कंडे
खुद ही थाप
रोज सुखा
जला कुछ आग।
वैधानिक चेतावनी:
कृपया इस बकवास को ब्लॉगिंग यानि चिट्ठाकारी से ना जोड़ें
चित्र साभार: https://timesofindia.indiatimes.com