उलूक टाइम्स: बेहोश
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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

तेरह सौ वीं बकवास हमेशा की तरह कुछ नहीं खास कुछ नजर आये तो बताइये


तेरह 
के नाशुक्रे
नामुराद अंक
पर ना जाइये

इतनी तो
झेल चुके हैं
पुरानी कई

आज की
ताजी नयी पर
इरशाद फरमाइये

कहने का
बस अन्दाज है
एक नासमझ का
जनाब अब तो
समझ ही जाइये

हिन्दी और
उर्दू से मिलिये
इस गली की
इस गली में

उस गली की
अंगरेजी
उस गली में
रख कर आइये

किसलिये
बतानी हैं
दिल की
बातें किसी को

छुपाने के लिये
कुछ छुपी
बातें बनाइये

तलबगार
किसलिये हैं
मीठे के इतने
नमकीन खाइये


निकल लीजिये
किसी पतली गली में
बेहोश हो कर गिर जाइये


छुपती नहीं है
दोस्ती दुश्मनी
बचिये नहीं
खुल के सामने आइये

मरना तो
सब को है इक दिन
कुछ इस तरह से
या उस तरह से


मरवा दे
कोई इस से पहले
मौका ना देकर
खुद ही मर जाइये


‘उलूक’
तेरहवीं करे
तेरह सौ वीं
बकवास
की जब तक

नई
इक ताजी
खबर की
कबर पर
आकर

मुट्ठी भर
धूल उड़ाइये।

चित्र साभार: https://www.lilly.com.pk/en/your-health/diabetes/complications-of-diabetes/index.aspx

सोमवार, 19 दिसंबर 2011

होश

एक खामोश
कब जिंदगी
के आगोश
में मदहोश
हो जायेगा
ये होश में
रहने वाला
ही बता
पायेगा

बेहोश
लोगों 
के
शब्दकोश

में आक्रोश
नहीं होता
एक सरफरोश
कभी अहसान
फरामोश

नहीं होता
परहोश
भले ही

हो जायेगा
लेकिन
कभी भी

लच्छेदार
बातों 
में
नहीं आयेगा

बेहोश
करने 
वाले
होश में

योजनाऎं
बना

मदहोश
लोगों 
के
साथ फिर

एक बार
आ रहे हैं
परहोश
करने

लेकिन
इस 
बार
पाला

उल्टा पड़
जायेगा
बेहोश
जल्दी 
ही
इस बार

फिर से
होश 
में
आ जायेगा

ऎसा हसीन
सपना जब
किसी दिन
किसी 
को
आयेगा

उस दिन
वाकई

सवेरा हो
जायेगा

अंधेरे का
व्यापारी

कुछ भी नहीं
समझ पायेगा
और बेहोश
हो जायेगा।