जो होना है
वो तो
होना है
होगा ही
होने देना है
किसी से
कहने से
कुछ होगा
किसे इस पर
कुछ पता
होना है
उनकी यादों
की यादों
को सोने
ही देना है
सपने किसी
के आते भी हों
तो आने देना है
बस कुछ दिनों
की बात और है
रुके रहना है
रोने वाले की
आदत होती है
रोने की उसे
रोने देना है
जिसके हाथों
में होती है
हमेशा खुजली
बस उसी
के हाथ में
हथौड़ा
ला कर
दे देना है
खोदने वालों
को मिल
चुका है
बहुत खोदने
का काम
अब किसी
और को
नहीं देना है
अन्दर की बात
को अन्दर
ही रहने देना है
बाहर के तमाशे
करने वालों को
करते रहने का
इशारा देना है
बहुत कुछ
हो रहा है
बहुत कुछ
अभी
होना ही
होना है
‘उलूक’
रोता
कलपता
ही अच्छा
लगता है
हँसने के
दिन आने में
अभी महीना है ।
वो तो
होना है
होगा ही
होने देना है
किसी से
कहने से
कुछ होगा
किसे इस पर
कुछ पता
होना है
उनकी यादों
की यादों
को सोने
ही देना है
सपने किसी
के आते भी हों
तो आने देना है
बस कुछ दिनों
की बात और है
रुके रहना है
रोने वाले की
आदत होती है
रोने की उसे
रोने देना है
जिसके हाथों
में होती है
हमेशा खुजली
बस उसी
के हाथ में
हथौड़ा
ला कर
दे देना है
खोदने वालों
को मिल
चुका है
बहुत खोदने
का काम
अब किसी
और को
नहीं देना है
अन्दर की बात
को अन्दर
ही रहने देना है
बाहर के तमाशे
करने वालों को
करते रहने का
इशारा देना है
बहुत कुछ
हो रहा है
बहुत कुछ
अभी
होना ही
होना है
‘उलूक’
रोता
कलपता
ही अच्छा
लगता है
हँसने के
दिन आने में
अभी महीना है ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (07-06-2014) को ""लेखक बेचारा क्या करे?" (चर्चा मंच-1636) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
बढ़िया प्रस्तुति व सटीक लेखन , सर धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
कल 08/जून/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !