बहुत ही छोटी सी बात है समझ में नहीं आती है
प्राथमिकताएं हैं लेखन में हैं सब की नजर आती हैं
जो कुछ भी है कुछ अजीब है बस तेरे ही आस पास ही है
बाकी सब के आस पास बस जन्नत है की खबर आती है
सब की खुशी में अपनी खुशी है होनी ही चाहिए
सारे खुशी से लिखते हैं खुशी लिखे में है नजर भी आती है
खुदा सब की खैर करे भगवान भी देखें सब ठीक हो
ईसा मसीह भी है की खबर पता नहीं कहाँ है कहीं से भी नहीं आती है
‘उलूक’ सब के दिमाग हैं सही हैं अपनी ही जगह पर हैं
बस तेरे लिखे में ही है कुछ सीलन सी नजर आती है
चित्र साभार: https://www.biography.com/

बहुत ही
जवाब देंहटाएंछोटी सी बात है
समझ में नहीं आती है
गूढ़ रचना
आभार
सादर वंदन
छोटी बातें अक्सर नज़र अंदाज हो जाती हैं।
जवाब देंहटाएंप्रणाम सर।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ३० अप्रैल २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंह्रदय विदारक विज्ञापन देखने के बाद कुछ लिखने का साहस नहीं है, दुनिया में इतने दुख हैं कि यदि परमात्मा न हो तो आदमी पागल ही हो जाये। ईसा मसीह भी ऐसे ही बहुत ज़रूरी हैं मानवता के लिए
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंहालांकि सबके दिमाग हैं सही, हैं भी अपनी जगह पर .... ऊपर वाला ही जाने फिर भी छोटी सी बात समझ में क्यों नहीं आती है
जवाब देंहटाएंनिशब्द करती रचना : लेखनी बेजोड़ चलती है
जवाब देंहटाएंसब की खुशी में अपनी खुशी है होनी ही चाहिए
जवाब देंहटाएंसारे खुशी से लिखते हैं खुशी लिखे में है नजर भी आती है
वाह!!!
लाजवाब..
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 17 नवम्बर 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह, बेहतरीन रचना गुरुजी 🙏
जवाब देंहटाएंकमबख़्त ! ये सीलन जाने कहाँ से आ जाती है !
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन, आदरणीय ।
दुनिया को समझने जाओ तो बुद्धि घनचक्कर हो जाती है, बस चुपचाप देखते रहना है, यह तो अपनी ही चाल से चलती जाती है
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