हां सही किया
देर से ही सही
इधर उधर देखना छोड़ दिया
और सीख लिया
नाक की सीध में चलना
नाक को ही बस देखते हुए
तुझे ज्ञान होना चाहिए
कि तेरा अस्तित्व तभी तक है
जब तक तेरी आंखें बंद हैं
जुबां सिली हुई है
और कानों में मैला जमा हुआ है
हां तेरे आने जाने में
कोई रोक टोक
कहीं भी नहीं है कभी भी नहीं है
बड़ी महफिलों में तो खासकर
पर वैधानिक चेतावनी के साथ
कि शर्तें लागू हैं
हां तू स्वतंत्र भी है
और 15 अगस्त भी
बस 5 ही दिन नजदीक है
सफेद कपड़े देख लेना
सिलवटें तो नहीं बची हैं
पिछले सालों की
आना है तुझे अनिवार्य रूप से
झंडारोहण देखने और सुनने भाषण
वो बात अलग है
तुझे रहना होगा वहां भी शशर्त
खबरदार
आदत डाल ले कि सब कुछ उत्तर होता है
प्रश्न पाठ्यक्रम से हटा दिए गए हैं
हां बकवास करने से
तुझे कोई नहीं रोक रहा है ‘उलूक’
वो भी शशर्त वैधानिक चेतावनी के साथ
कि पढ़ने के बाद कोई ये नहीं कह बैठे
समझ में आ गया है |
चित्र साभार: https://www.istockphoto.com/
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 11 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर 🙏
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंशर्त पर खरे उतरो तो अस्तित्व बना रहेगा
बोलो लिखो पर ऐसा कि समझ ना आये फिर स्वतंत्रता की बधाई
क्या बात👌👌👌
वाह!!!