पिछला
साधू साधू
अभी कोई समझ नहीं
पाया
तू दूसरा एपिसोड
साधू साधू का ले कर के क्यों आया
तेरा
कुछ नहीं हो सकता है कालिये
कुछ नहीं हो सकता है कालिये
कुछ भी लिखने की आदत से
बता रहे हैं
हजूर
हजूर
खुद को निकालिए
आज खबर में
एक साधू दिख रहा है
एक साधू दिख रहा है
सारा मीडिया साधू के खिलाफ
लिखा लिखाया कुछ बक रहा है
जनता को वैसे भी
कुछ समझ में
नहीं आता है
उसे तो बस वोट देते समय
एक दाड़ी वाला साधू
सामने से नजर आता है
सामने से नजर आता है
लिखना सबको
आता है
कोई कहानी लिखता है
कोई एक अपने लिखे
कूड़े को
कविता है बताता है
कौन पढ़ने आता है कौन नहीं आता है
पेज हिट गजब की चीज होती है
बकवासी के लाखों हो गए होते हैं
वो बताने में इतराता है
एक कथावाचक की कहानी
टी वी आज चला रहा है
जनता रस ले रही है
सबको मजा आ रहा है
जय श्री राम वाले
जय श्री राधे जय श्री कृष्णा
जय श्री राधे जय श्री कृष्णा
अब सुना रहे हैं
दाड़ी
बाबा को नई कहानी सुना रहे हैं
बकवासी
बकवास करने से बाज नहीं आ रहा है
अंधा रात का
दिन
की कहानी
यहां किसलिए लेकर के आ रहा है
बूझिए कभी
लिखने पढ़ने में कौन सा जो हो जा रहा
है
‘उलूक’ भी
बकने से कौन सा बाज आ रहा है
चित्र साभार: https://www.dreamstime.com/
बकने से कौन सा बाज आ रहा है
चित्र साभार: https://www.dreamstime.com/
जी सर, टी.वी की बिल्कुल भी न सुनियो.. ये जो खबरिया चैनल वाले हैं न हर टॉपिक को तोड़-मरोड़ कर कंट्रोवर्सी की तरह पेश करते हैं।
जवाब देंहटाएंमहाराज जी ने जो कहा सबके लिए कहा,कुछ गलत नहीं कहा लोग बस आईना नहीं देखना चाहते न इसलिए मोर्चा खोल लेते हैं।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ५ अगस्त २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सच में, अब हर दूसरा बकवासी बाबा टीवी पर ज्ञान बाँट रहा है और जनता मजे ले रही है, कोई सवाल ही नहीं करता। जो लिखता है, वो शोर मचाने वालों के आगे दब जाता है। सच्ची बात ये है कि अब ज्ञान से ज़्यादा तमाशा बिकता है। आपने जो तंज कसा है ना, वो बहुत जरूरी था सुनाना। सबको सुनना चाहिए कि “बकवास” को भी अब लोग कंटेंट कहने लगे हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर 🙏
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