उलूक टाइम्स: बिल्लियों
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मंगलवार, 26 जून 2012

सच्ची बात

दिमाग
है जितना
अपने पास में
पूरा लगाता हूँ

चालाकी
अपनी ओर
से पूरी कर
ले जाता हूँ

किस्मत
का मारा
मगर कहीं तो
फँसा फिर भी
लिया जाता हूँ

साहब
करते हैं
कोशिश मुझे
घोड़ा अपना
बनाने की

गधा
तक बन
कर बीच में ही
रुक जाता हूँ

देखलो
उनको भी
चूना लगा
इस तरह मैं
ले जाता हूँ

लदवाना
जहाँ
चाहते हैं
बोरा 
एक
मेरे ऊपर


झोला
ही उनका
बस उठा के
ले जाता हूँ

चमचागिरी
करना भी
चाहूँ कभी

ठीक
मौके पर
आकर के
शरमा
ही जाता हूँ

चालाकी
का नमूना
फिर भी
देखिये जनाब

शहर
के हर
कोने में
उनके चमचे
के नाम
से फिर भी
जाना जाता हूँ

अपनी
गली में
पहुँचा नहीं जैसे
शेर
एक बब्बर
सा हो जाता हूँ

प्लास्टिक
के नाखून
पहन कर के
सारे मोहल्ले
की बिल्लियों
को डराता हूँ

सही
जगह पर
माना कि कुछ
कह नहीं पाता हूँ

यहाँ
पहुँच कर
सच्ची बात मगर
दोस्तों को अपने
जरूर बताता हूँ

बताइये
क्या थोड़ा
सा भी
कहीं किसी से
शरमाता हूँ।

मंगलवार, 13 मार्च 2012

मिल गया मिल गया .. लीडर

बिल्लियों
की
लड़ाई में
बंदर रोटी
खा गया

बिल्लियों
के
रिश्तेदारों
को
बहुत रोना
आ गया

यहाँ का
बंदर
मलाई खुद
जब
खाता नहीं

बिल्लियों
को बंदर
इसी लिये
भाता नहीं

साँस्कृतिक
जंगल में
उदासी सी
छा गयी

बहुत से
जानवरों
को
मूर्छा जैसी
आ गयी

आगे
बंदर अब
बिल्लियों
को नचायेगा
या
बिल्लियों द्वारा
बंदर
फंसाया जायेगा

यह तो
आने वाला
समय ही
बता पायेगा

लेकिन
अफसोस

बहुत सी
स्थानीय
बिल्लियों
का कटोरा
वापिस
पांच साल
के लिये
फिर से
उल्टा
हो जायेगा

मुझे
वाकई में
बहुत ही
रोना आयेगा ।

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

बिल्ली युद्ध

आइये शुरू
किया जाये
एक खेल

वही पुराना

बिल्लियों को
एक दूसरे से
आपस मे
लड़वाना

जरूरी नहीं

की बिल्ली
मजबूत हो

बस एक अदद

बिल्ली का होना
है बेहद जरूरी

चूहे कुत्ते सियार

भी रहें तैयार

कूद पड़ें

मैदान में
अगर होने
लगे कहीं
मारा मार

शर्त है

बिल्ली बिल्ली
को छू नहीं
पायेगी

गुस्सा दिखा

सकती है
केवल मूंछ
हिलायेगी

मूंछ का

हिलना बता
पायेगा बिल्ली
की सेना को
रास्ता

सारी लड़ाई

बस दिखाई
जायेगी

अखबार टी वी

में भी आयेगी

कोई बिल्ली

कहीं भी नहीं
मारी जायेगी

सियार कुत्ते

चूहे सिर्फ
हल्ला मचायेंगे

बिल्ली के लिये

झंडा हिलायेंगे

जो बिल्ली

अंत में
जीत पायेगी

वो कुछ

सालों के लिये
फ्रीज कर दी
जायेगी

उसमें फिर

अगर कुछ
ताकत बची
पायी जायेगी

तो फिर से

मरने मरने
तक कुछ
कुछ साल में
आजमाई जायेगी

जो हार जायेगी

उसे भी चिंता
करने की
जरूरत नहीं

उसके लिये

दूध में अलग
से मलाई
लगाई जायेगी।