उलूक टाइम्स: खबरें
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गुरुवार, 13 जून 2019

अपने अपने मतलब अपनी अपनी खबरें अपना अपना अखबार होता है बाकी बच गया इस सब से वो समाचार होता है

कागज
पर लिखा

जमीन का
कुछ भी

उसके लिये
बेकार होता है

चाँद तारों
पर जमा जमाया

जिसका
कारोबार होता है

दुनियाँ
जहाँ पर
नजर रखता है

बहुत ज्यादा
समझदार होता है

घर की
मोहल्ले की बातें

छोटे लोगों का
रोजगार होता है

बेमतलब
कुछ भी
कह डालिये

तुरंत
पकड़ लेता है
कलाकार होता है

मतलब
की छान

बचा
लौटा देता है

जितने
से उसका
सरोकार होता है

भीड़
के शोर का
फर्क नहीं पड़ता है

चुगलखोर
आदत से
लाचार होता है

दिख
नहीं रहा है

कुछ कह
नहीं रहा है

का मतलब

सुधर जाने
का संकेत
नहीं होता है

ऊपर नीचे
होता हुआ
बाजार होता है

गिरोह
यूँ ही नहीं
बनता है
एक जैसों का

चोर
का साथी
गिरहकट जैसी

पुरानी
कहावत के लिये

पुराना सरदार
जिम्मेदार होता है

तकनीक
का जमाना है

हाथ
साफ होते हैं

कोयले का
व्यापार होता है

‘उलूक’
की खींसे
होती नहीं हैं

क्या निपोरे

चुगलखोरी
की अपनी
आदत से

बस
लाचार होता है ।

चित्र साभार: apps.apple.com

सोमवार, 17 जुलाई 2017

फेस बुक मित्र के मित्रों के मित्रों के गिरोहों की खबरें

गिरोह
गिरोह की
बात करें

देखें
समझें
एक दूसरे को
आदाब करें

किसने
रोका है


खामखा
अकेले
चने को

भीड़ की
खबरें
दिखा कर

उसकी
शामें तो
ना बरबाद करें

माना कि
जमीन से
कुछ उठाने
के लिये
झुकना बहुत
जरूरी है

मिल कर झुकें
हाथ में हाथ
डाल कर झुकें

उठा लें
सारा
सब कुछ
मिल बाँट कर

मिट्टियाँ
अपने अपने
खेतों के नाम करें

सर उठा
कर जीने दें
एक दो पैर पर
खड़े इन्सान को

काट लें
बहुत जरूरी हो
सर कलम का
अगर मजबूरी हो

अपनी
खुद की
आँखों में

किसी
के शर्मसार
होने का ना
इन्तजाम करें

आपका
पन्ना है
आपके
दोस्त हैं

जो
करना है करें
कल्तेआम करें

जो
नहीं चाहता है
शामिल होना
गिरोहों के
जलसों
की खबरों में

उसके
पन्नों में
ले जा जाकर
खबरें अपनी

विज्ञापन
अपने अपने
धन्धों के
ना सरे आम करें

‘उलूक’
की आदत है
दिन के अंधेरे में
नहीं देखने के
बहाने लिखना

लिखने दें
भाड़ नहीं
फोड़ सकने
की खिसियाहट
उसे भी थोड़ी

मिल जुल कर
करें चीर हरण

खबर
अर्जुन ने
किया
बलात्कार

या फिर
कन्हैया
के ही
नाम करें।

चित्र साभार: Chatelaine