मरते मरते
उसने कहा
"हे राम"
उसके बाद
भीड़ ने कहा
"राम नाम सत्य है"
कितनों
ने सुना
कितनों
ने देखा
देखा सुना
कहा बताया
बहुत पुरानी
बात हो गयी है
जमाना
कहाँ से कहाँ
पहुँच गया है
सत्य
अब राम ही
नहीं रह गया है
जो
समझ
लिया है
उसकी पाँचों
उँगलियाँ
घी में
घुस गयी हैं
और सर
कहीं
डालने के लिये
कढ़ाईयों
की इफरात
हो गयी है
वेदना
संवेदना
शब्दों में
उकेर देने
की दुकाने
गली गली
आम हो गयी हैं
एक
दिन की
एक्स्पायरी
का लिखा
लिखाया
उठा कर
ले जा कर
अपनी
दीवार पर
टाँक लेने
वाली दुकाने
हनुमान जी
के झंडे में
लिखा हुआ
जय श्री राम
हो गयी हैं
मंदिर
राम का
रंग हनुमान का
स्कूलों की
किताबों के
जिल्द में
गुलफाम
हो गयी हैं
शिक्षक की
इज्जत उतार कर
उसके हाथ में
थमाने वाले
छात्रों की पूजा
राम
की पूजा
के समान
हो गयी है
मंत्री के साथ
पीट लेना
थानेदार को
खबर
बेकार की एक
पता नहीं क्यों
सरेआम हो गयी है
छात्रों का
कालिख लगाना
एक मास्टर के
और
चुप रहना
मास्टरों की
जमात का
मास्टरों
की सोच का
पोस्टर बन
बेलगाम
हो गयी है
जरूरी है
इसीलिये
लिख देना
रोज का रोज
‘उलूक’
जनता
एक पागल
के पीछे
पगला गयी है
जो पगला
नहीं पा रहे हैं
उनकी जिन्दगी
सच में
हराम हो गयी है ।
चित्र साभार: web.colby.edu
उसने कहा
"हे राम"
उसके बाद
भीड़ ने कहा
"राम नाम सत्य है"
कितनों
ने सुना
कितनों
ने देखा
देखा सुना
कहा बताया
बहुत पुरानी
बात हो गयी है
जमाना
कहाँ से कहाँ
पहुँच गया है
सत्य
अब राम ही
नहीं रह गया है
जो
समझ
लिया है
उसकी पाँचों
उँगलियाँ
घी में
घुस गयी हैं
और सर
कहीं
डालने के लिये
कढ़ाईयों
की इफरात
हो गयी है
वेदना
संवेदना
शब्दों में
उकेर देने
की दुकाने
गली गली
आम हो गयी हैं
एक
दिन की
एक्स्पायरी
का लिखा
लिखाया
उठा कर
ले जा कर
अपनी
दीवार पर
टाँक लेने
वाली दुकाने
हनुमान जी
के झंडे में
लिखा हुआ
जय श्री राम
हो गयी हैं
मंदिर
राम का
रंग हनुमान का
स्कूलों की
किताबों के
जिल्द में
गुलफाम
हो गयी हैं
शिक्षक की
इज्जत उतार कर
उसके हाथ में
थमाने वाले
छात्रों की पूजा
राम
की पूजा
के समान
हो गयी है
मंत्री के साथ
पीट लेना
थानेदार को
खबर
बेकार की एक
पता नहीं क्यों
सरेआम हो गयी है
छात्रों का
कालिख लगाना
एक मास्टर के
और
चुप रहना
मास्टरों की
जमात का
मास्टरों
की सोच का
पोस्टर बन
बेलगाम
हो गयी है
जरूरी है
इसीलिये
लिख देना
रोज का रोज
‘उलूक’
जनता
एक पागल
के पीछे
पगला गयी है
जो पगला
नहीं पा रहे हैं
उनकी जिन्दगी
सच में
हराम हो गयी है ।
चित्र साभार: web.colby.edu