उलूक टाइम्स: बदसूरत
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शनिवार, 17 अगस्त 2019

झूठ लिखने का नशा बहुत जियादा कमीना है उस के नशे से निकले तो सही कोई तब जाकर तो कोई कहीं एक सच लिखेगा



आखिर
कितना

और

कब तक

इतना

एक
चेहरा


बदसूरत 
सा 
लिखेगा

बहुत सुन्दर

लिखने
का
रिवाज है

लिखे
लिखाये
पर
यहाँ

लिख देने का

कोई
अगर
लिख भी देगा

तो भी
वैसा ही
तो

और
वही कुछ
तो
लिखेगा

लिखे
को
लिखे के
ऊपर रखकर

कब तक

नापने
का
सिलसिला
रखेगा

लिखने
के
पैमाने

कुछ
के पास हैं

नापने
के
पैमाने

नापने
वाला ही
तो

अपने
पास रखेगा

लिखने
का
मिलता है

कुछ
किसी को

किसी
को
लिखे को

फैलाने
का
मिलता है

कुछ

हर
किसी की
आँख

अपनी तरह
से
देखेगी

दूरबीन
तारे देखने
की हो

तो
कैसे

चाँद
उसमें
किसी को

साथ में

कैसे
और क्यों
कर के
दिखेगा

कुछ नहीं
लिखने वालों
की
सोच

अच्छी बनी
रहती है
हमेशा

जो
लिखेगा
उसके लिखे
 पर ही
तो
उसका चेहरा

पूरा
ना सही

थोड़ा सा
तो
कहीं

किसी
कोने में से
कम से कम

झाँकता
सा
तो
दिखेगा

सालों
निकल जाते हैं

सोचने में

सच
अपना
‘उलूक’

सच में

किसी दिन

एक सच

कोई

कहीं
तो

लिखेगा

झूठ
लिखने
का
नशा

बहुत
जियादा
कमीना है

उस के
नशे से

निकले
तो
सही
कोई

तब
जाकर
तो
कोई

एक

झूठा सा
सही

सच

कहीं और
किसी
जगह

जा
कर के
तो
लिखेगा।

चित्र साभार: http://clipart-library.com

रविवार, 9 अगस्त 2015

समझ में आता है कभी शुतुरमुर्ग क्यों रेत में गरदन घुसाता है

कुछ खूबसूरत सा
नहीं लिख पाता है
कोशिश भी करता है
नहीं लिखा जाता है
किसने कह दिया
मायूस होने के लिये
कभी निकल के देख
अपनी बदसूरत सोच
के दायरे से बाहर
बदसूरतों के बदसूरत से
रास्तों में हमेशा ही
क्यों दौड़ जाता है
बहुत सा बहुत कुछ
और भी है खूबसूरत है
खूबसूरती से उतारता है
खूबसूरत लफ्जों को
लिखा हुआ हर तरफ
सभी कुछ खूबसूरत
और बस खूबसूरत
सा नजर आता है
सब कुछ मिलता है
उस लिखे लिखाये में
चाँद होता है तारे होते हैं
आसमान होता है
हवा होती है
चिड़िया होती है
आवाजें बहुत सी होती हैं
सब कविता होती हैं
या केवल गीत होती हैं
इसीलिये हर खूबसूरत
उसी दायरे के
कहीं ना कहीं आसपास
में ही पाया जाता है
कभी किसी दिन
झूठ ही सही
अपनी उल्टी सोच के
कटोरे से बाहर निकल
कर क्यों नहीं आता है
अच्छा लगेगा तुझे भी
और उसे भी ‘उलूक’
होने दे जो हो रहा है
करने दे जो भी
जहाँ भी कर रहा है
कीचड़ में कैसे
खिलता होगा कमल
असहनीय सड़ाँध में
भी खिलखिलाता है
सोच कर देख तो सही
कोशिश करके
बदसूरती के बीच
कभी खूबसूरती से
कुछ खूबसूरत
भी लिखा जाता है ।

चित्र साभार: www.moonbattery.com