महीना
बदलने से
किसने
कह दिया
लिखना
बदल
जाता है
एक
महीने में
पढ़ लिख
कर
कहाँ
कुछ नया
सीखा
जाता है
खुशफहमी
हर बार ही
बदलती है
गलतफहमी में
जब भी
एक पुराना
जाता है
और
कोई नया
आता है
कोई तो
बात होती
ही होगी
फर्जियों में
फर्जियों का
पुराना खाता
बिना
आवेदन किये
अपने आप
नया हो
जाता है
कान से
होकर
कान तक
फिसलती
चलती है
फर्जीपने के
हिसाब की
किताबें
फर्जियों
की फर्जी
खबर पर
सीधे सीधे
कुछ
कह देना
बदतमीजी
माना जाता है
बाक्स
आफिस
पर
उछालनी
होती है
फिलम
अगर
बहुत
पुराना
नुस्खा है
और
आज भी
अचूक
माना
जाता है
हीरो के
हाथ में
साफ साफ
मेरा बाप
चोर है
काले
रंग में
सजा के
लिखा
जाता है
‘उलूक’
चिड़ियों की
खबरों में भी
कभी ध्यान
लगाता
थोड़ा
सा भी अगर
अब तक
समझ चुका
होता
शायद
तोते को
कितना भी
सिखा लो
चोर चोर
चिल्लाना
चोरों के
मोहल्ले में तो
इसी
बात को
कुर्सी में
बैठने का
शगुन माना
जाता है ।
चित्र साभार: Clipart Panda
बदलने से
किसने
कह दिया
लिखना
बदल
जाता है
एक
महीने में
पढ़ लिख
कर
कहाँ
कुछ नया
सीखा
जाता है
खुशफहमी
हर बार ही
बदलती है
गलतफहमी में
जब भी
एक पुराना
जाता है
और
कोई नया
आता है
कोई तो
बात होती
ही होगी
फर्जियों में
फर्जियों का
पुराना खाता
बिना
आवेदन किये
अपने आप
नया हो
जाता है
कान से
होकर
कान तक
फिसलती
चलती है
फर्जीपने के
हिसाब की
किताबें
फर्जियों
की फर्जी
खबर पर
सीधे सीधे
कुछ
कह देना
बदतमीजी
माना जाता है
बाक्स
आफिस
पर
उछालनी
होती है
फिलम
अगर
बहुत
पुराना
नुस्खा है
और
आज भी
अचूक
माना
जाता है
हीरो के
हाथ में
साफ साफ
मेरा बाप
चोर है
काले
रंग में
सजा के
लिखा
जाता है
‘उलूक’
चिड़ियों की
खबरों में भी
कभी ध्यान
लगाता
थोड़ा
सा भी अगर
अब तक
समझ चुका
होता
शायद
तोते को
कितना भी
सिखा लो
चोर चोर
चिल्लाना
चोरों के
मोहल्ले में तो
इसी
बात को
कुर्सी में
बैठने का
शगुन माना
जाता है ।
चित्र साभार: Clipart Panda