उलूक टाइम्स

शनिवार, 18 अक्तूबर 2014

घोड़े घोड़े होते हैं गधे गधे होते हैं मुद्दे तो मुद्दे होते हैं वो ना घोड़े होते हैं ना गधे होते हैं


घोड़ों ‌
के पास 
भी दिमाग 
होता है या नहीं 

ऐसा
ही कुछ 
सोच में आया 
उस समय

जब 
किसी दिन

एक 
मुद्दा लिखने
के 
लिये
सोचने 
का
मन बनाया 

अब
सोच में 
क्या
किस 
के
आता है 

कौन
सा कोई 
जा कर 
घोड़ों को
बताता है 

घोड़े
ज्यादातर 
बहुत शांत
स्वभाव 
के
समझे जाते हैं 

शायद
इसी कारण 
बहुत से लोग 
घोड़ों पर
चढ़ते 
चले जाते हैं 

घोड़े भी
प्रतिकार 
नहीं करते हैं 

सवार को
उस के 
मनमाफिक 
सवारी कराते हैं 

घोड़ों
का जिक्र 
हमेशा सम्मान से
किया जाता है 

घोड़ा है
कहते ही 

सामने वाला 
कुछ नजर
कुछ 
गर्दन
अपनी 
झुकाता है 

घोड़े
कभी भी 
किसी भी मुद्दे पर 
कुछ भी नहीं 
कहना चाहते हैं 

घोड़ों
के बीच के 
गधे हमेशा 
इस बात का 
फायदा उठाते हैं 

घोड़े
ज्यादा 
भी होते हैं 
फिर भी कुछ 
नहीं होता है 

दो चार गधे 
बीच में 
घोड़ागिरी 
सीख जाते हैं 

घोड़ों के
अस्तबल 
के
समाचार

रोज 
ही
अखबार वाले 
फोटो के साथ 
लेकर जाते हैं 

अखबार में
फोटो 
छपती है 

गधे ही गधे 
नजर आते हैं 

वक्तव्य
घोड़ों की 
सेहत के बारे 
में छपता है 

गधों के
हाथ में 
आले
नजर आते हैं 

घोड़ों
के बारे में 
सोच कर
लिखने 
की
सोच बैठता है 
जिस दिन भी
‘उलूक’ 

गधे
पता नहीं 
कैसे

मुद्दा 
चोर ले जाते हैं 

घोड़ों के पास 
दिमाग होता है 
या नहीं 
महत्वपूर्ण बात 
नहीं हो पाती है 

जब
हर जगह 
घोड़ों की
सरकारें 

दो चार गधे 
मिल कर
चलाते हैं । 

चित्र साभार: http://vecto.rs