घोड़ों
के पास
के पास
भी दिमाग
होता है या नहीं
ऐसा
ही कुछ
सोच में आया
उस समय
जब
जब
किसी दिन
एक
एक
मुद्दा लिखने
के लिये
सोचने का
मन बनाया
के लिये
सोचने का
मन बनाया
अब
सोच में
क्या
किस के
आता है
किस के
आता है
कौन
सा कोई
जा कर
घोड़ों को
बताता है
बताता है
घोड़े
ज्यादातर
बहुत शांत
स्वभाव के
समझे जाते हैं
स्वभाव के
समझे जाते हैं
शायद
इसी कारण
बहुत से लोग
घोड़ों पर
चढ़ते चले जाते हैं
चढ़ते चले जाते हैं
घोड़े भी
प्रतिकार
नहीं करते हैं
सवार को
उस के
मनमाफिक
सवारी कराते हैं
घोड़ों
का जिक्र
हमेशा सम्मान से
किया जाता है
किया जाता है
घोड़ा है
कहते ही
सामने वाला
कुछ नजर
कुछ गर्दन
अपनी
कुछ गर्दन
अपनी
झुकाता है
घोड़े
कभी भी
किसी भी मुद्दे पर
कुछ भी नहीं
कहना चाहते हैं
घोड़ों
के बीच के
गधे हमेशा
इस बात का
फायदा उठाते हैं
घोड़े
ज्यादा
भी होते हैं
फिर भी कुछ
नहीं होता है
दो चार गधे
बीच में
घोड़ागिरी
सीख जाते हैं
घोड़ों के
अस्तबल के
समाचार
रोज ही
अखबार वाले
फोटो के साथ
लेकर जाते हैं
अखबार में
फोटो
छपती है
गधे ही गधे
नजर आते हैं
वक्तव्य
घोड़ों की
सेहत के बारे
में छपता है
गधों के
हाथ में
आले
नजर आते हैं
नजर आते हैं
घोड़ों
के बारे में
सोच कर
लिखने की
सोच बैठता है
लिखने की
सोच बैठता है
जिस दिन भी
‘उलूक’
‘उलूक’
गधे
पता नहीं कैसे
मुद्दा
चोर ले जाते हैं
घोड़ों के पास
दिमाग होता है
या नहीं
महत्वपूर्ण बात
नहीं हो पाती है
जब
हर जगह
घोड़ों की
सरकारें
सरकारें
दो चार गधे
मिल कर
चलाते हैं ।
चलाते हैं ।
चित्र साभार: http://vecto.rs