कुछ लगे
हल्की
ही सही
हवा संभाली जाये
थोड़ा
अपनी ओर से
फूँक मार कर
उछाली जाये
किस
हाथ में हैं
लकीरें कुछ
तूफान उठाने वाली
उस हाथ
वाले की
पूरी कुण्डली
बना कर
खंगाली जाये
फकीरों
की भी
आदतें हो रही हैं
कुछ अमीरों सी
गरीबों
की गलियों में
ऐशो आराम की
सवारी एक
निकाली जाये
कर ले
शौक से
अपने गली के
घोड़ों गधों
हल्की
ही सही
हवा संभाली जाये
थोड़ा
अपनी ओर से
फूँक मार कर
उछाली जाये
किस
हाथ में हैं
लकीरें कुछ
तूफान उठाने वाली
उस हाथ
वाले की
पूरी कुण्डली
बना कर
खंगाली जाये
फकीरों
की भी
आदतें हो रही हैं
कुछ अमीरों सी
गरीबों
की गलियों में
ऐशो आराम की
सवारी एक
निकाली जाये
कर ले
शौक से
अपने गली के
घोड़ों गधों
और कुत्तों की
आदतों की बातें
अपनी आदतें
खुद तुझसे
कहाँ संभाली जायें
अच्छा नहीं है
बीच शहर में
बड़बड़ाना
शरीफों का
निकल
कर गाँवों
की तरफ
कुछ फुसफुसा के
पेड़ों से बातें
करने की आदतें
अब डाली जायें
करने
धरने में
कुछ रखा नहीं
इस जमाने में
किस्मत को
किस्मत से
लड़ाने की
तरकीब
सिखाने की
दुकानें
हर कोने में
घर घर में
बना ली जायें
लिख ही दे
‘उलूक’ तू भी
दीवाने उलूक
खींच खाँच कर
छोटी बातों को
कुछ इसी तरह
रोज का रोज
बात बात में
बात की
टाँगे तोड़
देने की
नई नई
तरकीबें
कुछ
निकाली जायें ।
चित्र साभार: www.shutterstock.com
आदतों की बातें
अपनी आदतें
खुद तुझसे
कहाँ संभाली जायें
अच्छा नहीं है
बीच शहर में
बड़बड़ाना
शरीफों का
निकल
कर गाँवों
की तरफ
कुछ फुसफुसा के
पेड़ों से बातें
करने की आदतें
अब डाली जायें
करने
धरने में
कुछ रखा नहीं
इस जमाने में
किस्मत को
किस्मत से
लड़ाने की
तरकीब
सिखाने की
दुकानें
हर कोने में
घर घर में
बना ली जायें
लिख ही दे
‘उलूक’ तू भी
दीवाने उलूक
खींच खाँच कर
छोटी बातों को
कुछ इसी तरह
रोज का रोज
बात बात में
बात की
टाँगे तोड़
देने की
नई नई
तरकीबें
कुछ
निकाली जायें ।
चित्र साभार: www.shutterstock.com