अंदर की
कालिख को
सफाई से
छिपाता हूँ
चेहरा
मैं हमेशा
अपना
चमकाता हूँ
शातिर
हूँ मैं
कोई नहीं
जानता है
हर कोई मुझे
देवता जैसे
के नाम से
पहचानता है
मेरा
आज तक
किसी से कोई
रगड़ा
नहीं हुवा है
और तो और
बीबी से भी
कभी झगड़ा
नहीं हुवा है
धीरे धीरे
मैने अपनी
पैठ बनाई है
बड़ी मेहनत से
दुकानदारी
चमकाई है
कितनो को
इस चक्कर में
मैने लुटवा दिया है
वो आज भी
करते हैं प्रणाम
सिर तक
अपने पांव में
झुकवा दिया है
पर अंदाज
किसी को कभी नहीं
आता है
खेल खेल
में ही ये सब
बड़े आराम
से किया
जाता है
और मैं
बडे़ आराम से हूँ
चैन की बंसी
बजाता हूं
जो भी
साहब
आता है
पहले उसको
फंसाता हूँ
सिस्टम को
खोखला
करने में
हो गई है
मुझे महारत
तैयारी में हूँ
अब करवा
सकता हूँ
कभी भी
महाभारत
तुम से ही
ये सारे
काम करवाउंगा
अखबार में
लेकिन फोटो
अपनी ही
छपवाउंगा
इस पहेली को
अब आपको ही
सुलझाना है
आसपास आज
आप के
कितने मैं
आबाद हो गये हैं
पता लगाना है
ज्यादा कुछ
नहीं करना है
उसके बाद
हल्का सा
मुस्कुराना है ।
कालिख को
सफाई से
छिपाता हूँ
चेहरा
मैं हमेशा
अपना
चमकाता हूँ
शातिर
हूँ मैं
कोई नहीं
जानता है
हर कोई मुझे
देवता जैसे
के नाम से
पहचानता है
मेरा
आज तक
किसी से कोई
रगड़ा
नहीं हुवा है
और तो और
बीबी से भी
कभी झगड़ा
नहीं हुवा है
धीरे धीरे
मैने अपनी
पैठ बनाई है
बड़ी मेहनत से
दुकानदारी
चमकाई है
कितनो को
इस चक्कर में
मैने लुटवा दिया है
वो आज भी
करते हैं प्रणाम
सिर तक
अपने पांव में
झुकवा दिया है
पर अंदाज
किसी को कभी नहीं
आता है
खेल खेल
में ही ये सब
बड़े आराम
से किया
जाता है
और मैं
बडे़ आराम से हूँ
चैन की बंसी
बजाता हूं
जो भी
साहब
आता है
पहले उसको
फंसाता हूँ
सिस्टम को
खोखला
करने में
हो गई है
मुझे महारत
तैयारी में हूँ
अब करवा
सकता हूँ
कभी भी
महाभारत
तुम से ही
ये सारे
काम करवाउंगा
अखबार में
लेकिन फोटो
अपनी ही
छपवाउंगा
इस पहेली को
अब आपको ही
सुलझाना है
आसपास आज
आप के
कितने मैं
आबाद हो गये हैं
पता लगाना है
ज्यादा कुछ
नहीं करना है
उसके बाद
हल्का सा
मुस्कुराना है ।