उलूक टाइम्स

मंगलवार, 15 जुलाई 2014

जब उधार देने में रोया करते हो तो किसलिये मित्र बनाया करते हो

मित्र बनते हो

सबसे कहते
फिरते हो

दिखाते हो
बहुत कुछ
सीना खोल
कर फिरते हो

सामने से कुछ
पीछे से कुछ
और और 

करते हो

जान तक देने
की बात सुनी
गई है कई बार
तुम्हारे मुँह से

चाँद तारे तोड़
कर लाने की
बात करते हो

कितने बेशरम
हो तुम यार

थोड़ा सा पैसा ही
तो मांगा उधार
देने से मुकरते हो

साल में
एक बार नहीं
चार पाँच बार
एक सी
बात करते हो

एक
माँगने पर
आधा दिया
करते हो

कहाँ
बेच कर
आते हो
मानवता को

एक साल
होता नहीं है
वापस माँगना
शुरु करते हो

सच में

बहुत ही
बेशरम हो यार

उधार देने में
बहुत ज्यादा
पंगा करते हो

कमजोर
दिल के
मालिक हो
और
मर्द होने का
दावा करते हो

दो चार बार
मांग लिया
क्या उधार

पाँचवी बार
से गायब
हो जाना
शुरु करते हो

मित्र
होने का
दम भरते हो

सच में

बहुत ही
बेशरम हो यार

यारों के यार
होने का दम

इतना
सब होने
के बाद भी
भरते हो ।