किसलिये समझा रहे हो
मुझे पता है मुझे भी मरना ही है
लेकिन मैं आपके कहने पर
मौत को गले नहीं लगा सकता हूं
मैं मरूँगा
तो गुरु जी के कहने पर ही मरूँगा
गुरु जी
मरने के रास्ते समझाने के लिये प्रसिद्ध हैं
फिर किसलिये
आप जैसे नये नवेले से सीखना मरना
मुझे भी तो
वैसे भी मरना ही है कभी ना कभी
और मुझे ये भी पता है
कि मैं एक मेमना हूँ
और वो एक भेड़िया है
तुम्हें क्या परेशानी है
एक मेमने के
भेड़िये के साथ प्रेमालाप करने से
जमाना बदल रहा है और भेड़िया भी
जमाने के हिसाब से
भेड़िया
अब कार में नहीं दिखता है कभी
मैं मरूँगा
तो गुरु जी के कहने पर ही मरूँगा
गुरु जी
मरने के रास्ते समझाने के लिये प्रसिद्ध हैं
फिर किसलिये
आप जैसे नये नवेले से सीखना मरना
मुझे भी तो
वैसे भी मरना ही है कभी ना कभी
और मुझे ये भी पता है
कि मैं एक मेमना हूँ
और वो एक भेड़िया है
तुम्हें क्या परेशानी है
एक मेमने के
भेड़िये के साथ प्रेमालाप करने से
जमाना बदल रहा है और भेड़िया भी
जमाने के हिसाब से
भेड़िया
अब कार में नहीं दिखता है कभी
उसकी कार घर में खड़ी रहती है
भेड़िया
अब पैदल चलता है देखते क्यों नहीं हो
तुम्हें भी
जमाने के हिसाब से
बदलना जरूरी है
अब पैदल चलता है देखते क्यों नहीं हो
तुम्हें भी
जमाने के हिसाब से
बदलना जरूरी है
मेमने के बारे में किसलिये सोचते हो
भेड़िये को देखो ध्यान मत भटकाओ
लिखना लिखाना ठीक है
लिखा हुआ अगर कविता हो गया
तो उस से बड़ा शाप नहीं हो सकता है
बकवास करने के कुछ नुकसान
कविता हो जाना भी है
दीवार में खींची हुई कुछ लकीरों के
और इसी तरह के
कुछ लिखे लिखाये से प्रश्न उठना शुरु होते हैं
कोई कुछ भी लिख देता है
और खड़ा हो लेता है
प्रतियोगिता में विद्वानों के साथ।
चित्र साभार: https://www.123rf.com/
भेड़िये को देखो ध्यान मत भटकाओ
लिखना लिखाना ठीक है
लिखा हुआ अगर कविता हो गया
तो उस से बड़ा शाप नहीं हो सकता है
बकवास करने के कुछ नुकसान
कविता हो जाना भी है
दीवार में खींची हुई कुछ लकीरों के
और इसी तरह के
कुछ लिखे लिखाये से प्रश्न उठना शुरु होते हैं
कोई कुछ भी लिख देता है
और खड़ा हो लेता है
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सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 12-03-2021) को
"किसी का सत्य था, मैंने संदर्भ में जोड़ दिया" (चर्चा अंक- 4003) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १२ मार्च २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
तुम्हैं भी
जवाब देंहटाएंजमाने के हिसाब से
बदलना जरूरी है
मेमने के बारे में किसलिये सोचते हो
भेड़िये को देखो
ध्यान मत भटकाओ
उम्दा रचना.
बहुत सुन्दर व्यंग्य रचना।
जवाब देंहटाएं--
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
भेड़िया
जवाब देंहटाएंअब कार में नहीं दिखता कभी
उसकी कार घर में खड़ी रहती है
भेड़िया अब पैदल चलता है
देखते क्यों नहीं
तुम्हैं भी
जमाने के हिसाब से
बदलना जरूरी है
मेमने के बारे में किसलिये सोचते हो
भेड़िये को देखो
ध्यान मत भटकाओ...वाह!गज़ब।
सादर
वयंगात्मक शैली में लाजवाब अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंबढ़िया व्यंग्य
जवाब देंहटाएंसुन्दर व्यंग्य
जवाब देंहटाएंबकवास करने के
जवाब देंहटाएंकुछ नुकसान
कविता हो जाना भी है
- तो कोई बकवास करने का अधिकार क्यों छोड़े -कविता तो घाते में मिली चीज़ है.
और इसी तरह के
जवाब देंहटाएंकुछ लिखे लिखाये से
प्रश्न उठना शुरु होते हैं
कोई कुछ भी लिख देता है
और खड़ा हो लेता है
प्रतियोगिता में विद्वानों के साथ।
यथारीति तेज़ धार लेखन - - साधुवाद सह।
जवाब देंहटाएंव्यंगात्मक शैली।अपने चिरपचित अंदाज़ में बहुत ही सुंदर सृजन,सादर नमन आपको
सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंगजब तंज ।
सटीक सार्थक।
लिखना लिखाना ठीक है
जवाब देंहटाएंलिखा हुआ
अगर कविता हो गया
तो उस से बड़ा शाप नहीं हो सकता है... वाह! बहुत खूब!!!
ज़ोरदार।
जवाब देंहटाएंवाह।
बहुत सही कटाक्ष.
जवाब देंहटाएंवाह! वाह! लाजवाब आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंसटीक पंक्तियाँ। व्यंगपूर्ण उम्दा सृजन।
सादर प्रणाम आदरणीय सर 🙏
आपका ब्लॉग मुझे यहा मिला Top Hindi Blogs बहुत अच्छा लिखते है आप
जवाब देंहटाएंअत्यंत गूढ़ है रचना।
जवाब देंहटाएंसादर।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंNice Post :- skymovieshd, skymovieshd.in, skymovieshd movies Download in Hindi | Bollywood Hollywood movie download
जवाब देंहटाएंमेमने के बारे में किसलिये सोचते हो
जवाब देंहटाएंभेड़िये को देखो ध्यान मत भटकाओ
लिखना लिखाना ठीक है
लिखा हुआ अगर कविता हो गया
तो उस से बड़ा शाप नहीं हो सकता है आप की लेखनी और सच को व्यंग में लिखना,अदभुत है ।आदरणीय शुभकामनाएँ,
bahut shandar guruji
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर व्यंग।
जवाब देंहटाएंआज भी आपके तेवर वही हैं और अंदाज़ में आज भी वही तंज़ है! बहुत ख़ूब... अच्छा चित्र खींचा है वर्त्तमान युग क!!
जवाब देंहटाएंमेमना हो जाना या फिर भेड़िया हो जाना ... खुद के अन्दर ही है ये सब हो जाना ...
जवाब देंहटाएंगहरा तंज़ है रचना में ...
बहुत गहरे तक उतरता तीखा कटाक्ष
जवाब देंहटाएंवाह
सादर
वाह, बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लफ्ज़ ।
जवाब देंहटाएंNice Post :-👉 Insta Bio For Girls Attitude
जवाब देंहटाएंजमाना बदल रहा है और भेड़िया भी
जवाब देंहटाएंजमाने के हिसाब से
वाह!!!
लाजवाब खाका खींचा है आपने...
धारदार तंज।
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