एक नहीं
दिन में मत
ऐसा देख
कर आना
क्यों करता है
हर प्रहर के
दिन के दिन में
उल्लुओं की दुनियाँ
इंसान इंसान होता है
बलात्कार होना
वाजिब है
कई बार
कहा है
तुझसे
तुझसे
दिन में मत
निकला कर
निकल भी
जाता है अगर
तो जो दिखता है
मत देखा कर
ऐसा देख
कर आना
फिर यहाँ आ
कर बताना
क्यों करता है
रात का
निशाचर है
निशाचर है
दिन वालों की
खबर रखता है
हर प्रहर के
अपने नियम कानून
बनाये जाते हैं
दिन के दिन में
रात के रात में
चलाये जाते हैं
उल्लुओं की दुनियाँ
के कब्रिस्तान
दिन की फिल्मों में
ही दिखाये जाते हैं
इंसान इंसान होता है
इंसान ही उसे
समझ पाते हैं
बलात्कार होना
लाश हो जाना
कीड़े पड़ जाना
लाश घर में रख कर
आँदोलित हो जाना
वाजिब है
समझ में भी आता है
आक्रोश होना
अलग बात होती है
आक्रोश दिखाया जाता है
स्कूल बंद कराये जाते हैं
बाजार बंद कराये जाते हैं
बंद कराने वाले
अपने अपने रंग बिरंगे
झंडे जरूर साथ
ले कर आते हैं
अखबार वाले
समाचार
बनाने आते हैं
टी वी वाले
वीडियो
बनाने आते हैं
अगला चुनाव
दिमाग में होता है
राजनीतिज्ञ
वक्तव्य दे जाते हैं
सब कुछ साफ साफ
देख लेता है ‘उलूक’
दिन के उजाले में भी
घटना दुर्घटना
महज मुद्दे हो जाते हैं
सबके लिये
काम होता है
मुद्दे भुनाने का
बस भोगने वाले
अपने आँसू खुद
ही पी जाते हैं
इंसान का हुआ होता
है बलात्कार और
बस इंसान ही खो जाते हैं
कहीं भी नजर नहीं आते हैं
सोच में आती है
कुछ देर के लिये
एक बात
सभी अपने रंगीन
झंडों को भूलकर
किसी एक घड़ी के लिये
काले झंडे एक साथ
एक सुर में
क्यों नहीं उठा पाते हैं ।
चित्र साभर: gladlylistening.wordpress.com
आक्रोश होना
अलग बात होती है
आक्रोश दिखाया जाता है
स्कूल बंद कराये जाते हैं
बाजार बंद कराये जाते हैं
बंद कराने वाले
अपने अपने रंग बिरंगे
झंडे जरूर साथ
ले कर आते हैं
अखबार वाले
समाचार
बनाने आते हैं
टी वी वाले
वीडियो
बनाने आते हैं
अगला चुनाव
दिमाग में होता है
राजनीतिज्ञ
वक्तव्य दे जाते हैं
सब कुछ साफ साफ
देख लेता है ‘उलूक’
दिन के उजाले में भी
घटना दुर्घटना
महज मुद्दे हो जाते हैं
सबके लिये
काम होता है
मुद्दे भुनाने का
बस भोगने वाले
अपने आँसू खुद
ही पी जाते हैं
इंसान का हुआ होता
है बलात्कार और
बस इंसान ही खो जाते हैं
कहीं भी नजर नहीं आते हैं
सोच में आती है
कुछ देर के लिये
एक बात
सभी अपने रंगीन
झंडों को भूलकर
किसी एक घड़ी के लिये
काले झंडे एक साथ
एक सुर में
क्यों नहीं उठा पाते हैं ।
चित्र साभर: gladlylistening.wordpress.com