उलूक टाइम्स

रविवार, 23 सितंबर 2018

श्रद्धांजलि डाo शमशेर सिंह बिष्ट

1947- 22/09/2018

शब्द
नहीं होते हैं

सब कुछ
बताने के लिये
किसी के बारे में

थोड़ा
कम पड़ जाते हैं

थोड़े से
कुछ लोग

भीड़ में
होते हुऐ भी
भीड़
नहीं हो जाते हैं

समुन्दर के
पानी में
मिल चुकी

बूँद
होने के
बावजूद भी

दूर से
पहचाने जाते हैं

जिंदगी भर
जन सरोकारों
के लिये

संघर्ष करने
वालों के चेहरे ही

कुछ
अलग हो जाते हैं

अपने
मतलब के लिये
भीड़ खरीद/
बेच/ जुटा कर

कहीं से कहीं
पहुँच जाने वाले
नहीं पा सकते हैं

वो मुकाम

जो

कुछ लोग
अपनी सोच
अपने सत्कर्मों से
अपनी बीनाई
से पा जाते हैं

एक
शख्सियत

यूँ ही नहीं
खींचती है
किसी को
किसी
की तरफ

थोड़े से
लोग ही
होते हैं
कुछ अलग

बस
अपने लिये

नहीं जीने
वाले
ऐसे ही लोग

जब
महफिल से
अचानक

उठ कर
चले जाते हैं

सरकारी
अखबार
वालों को भी

कुछ
लिखने लिखाने
की याद
दिला कर जाते हैं

बहुत कमी
खलेगी आपकी

'डा0 शमशेर सिंह बिष्ट' 

कुछ
सरोकार
रखने वालों
को हमेशा

अल्विदा नमन
विनम्र श्रद्धांजलि

‘उलूक’
कुछ लोग
बना ही
जाते हैं
कुछ रास्ते
अलग से

जिसपर
सोचने वाले
सरोकारी

हमेशा ही

आने वाले
समय में

आते हैं
और जाते हैं ।