उलूक टाइम्स

गुरुवार, 14 नवंबर 2019

नये चाचा याद करो अंकल कह कर ही सही चिल्लाओ


गुलाब
लाल हो
शेरवानी हो
जरूरी नहीं बच्चो

समय देखो
चाचा
पुरानी सोच
का रिश्ता है

नये
रिश्ते खोजो

नये चाचा में
नया जोश होगा

पुराने
की कब्र में
बरबाद
ना करो फूल

फूल
मालायें बनाओ
नये रिश्तों पर
ले जाकर चढ़ाओ

चौदह
नवम्बर

एक
अंक है

वोट के
हिसाब से
रंक है

मत फैलाओ

देखो
सामने
कोई है

चाचा
ही नही
सब है

मतलब
रब है

रब के
गुणगान
गाओ

पूजो
कुछ चढ़ाओ

बच्चो
संगठित होकर
कोई संगठन बनाओ

चाचा के
कुछ तो
काम आओ

हर
जगह हैं
फैले हुऐ हैंं 
चाचा

पहचानो
अपने अपने
आस पास के
चाचाओं को

चरण
वंदन करो
चाचाओं के

मोक्ष
पा लेने
के लिये
कुछ बलिदान
कर ले जाओ

‘उलूक’
की आँख

रात की
रोशनी में

जगमगाते
दिये के
तेल में
डूबती
बाती की
तरह है

कभी
एक
दियासलाई
जलाओ

आग
लगाओ
कहीं भी

कुछ पके
कुछ नया बने

नया
चाचा तैयार है
पुकार कर बुलाओ

बच्चो
समय के
साथ बदलो

लाल
गुलाब
शेरवानी
भूल जाओ

नये चाचा
याद करो

अंकल
कह कर
ही सही
जोर से
चिल्लाओ

बाल
दिवस मनाओ।

चित्र साभार: https://khabar.ndtv.com/