अभी उसने बताया तुम हो
समझाया भी खरा खरा होने का मतलब
अच्छा महसूस हुआ
नहीं होने से होने तक पहुंचना
नहीं होने से होने तक पहुंचना
बहुत बड़ी बात लगी
समझ में भरा था सभी होते हैं होते ही होंगे
उन सभी में हम भी होते हैं
ये किसी ने कभी नहीं बताया
ये किसी ने कभी नहीं बताया
बहुत बहुत धन्य महसूस किया
धन्यवाद दिया उसे
धन्यवाद दिया उसे
कितना ख्याल रखते हैं लोग
बता देते हैं बिना लाग लपेट होने का मतलब
महसूस भी करा देते हैं बहुत अच्छी तरह होना
अब उसने बताया का मतलब
सभी पर लागू हो ये जरूरी है या नहीं
ये किस से पूछा जाए
सभी पर लागू हो ये जरूरी है या नहीं
ये किस से पूछा जाए
किसी के लिए होना
किसी और के लिए भी होना ही हो
या एंवें ही कुछ भी
खयाली पुलाव
किसी और के लिए भी होना ही हो
या एंवें ही कुछ भी
खयाली पुलाव
कभी भी कहीं भी कैसे भी पक लेते हैं
ना शरम ना लिहाज
ना शरम ना लिहाज
अब पुलाव को कैसी शरम
तुम्हारे भरम से उसे क्या लेना देना
जिंदगी किस मोड़ पर
कहां ले जा कर पटक देगी
जिंदगी किस मोड़ पर
कहां ले जा कर पटक देगी
पहले से पता होता
तो अब तक कई किस्म के
हेलमेट बाजार में आ चुके होते
तो अब तक कई किस्म के
हेलमेट बाजार में आ चुके होते
अमेजन फ्लिपकार्ट और भी
धड़ाधड़ बिकवाली
धड़ाधड़ बिकवाली
अपने से ज्यादा घरवाली सहेज कर रखती
और पड़ोसन जल रही होती
और पड़ोसन जल रही होती
पहाड़ चढ़ना शुरू करते ही
सभी चोटी दिखाते हैं
सारे गुरु घण्टाल समझाते हैं
सभी चोटी दिखाते हैं
सारे गुरु घण्टाल समझाते हैं
यूं जाओगे और यूं उतर आओगे
समझ में तो तब आता है
जब बीच में
पहुंचते पहुंचते समय पूरा हो गया की घंटी
सुनाई देना शुरू हो जाती है
पहुंचते पहुंचते समय पूरा हो गया की घंटी
सुनाई देना शुरू हो जाती है
ना उतरा जाता है ना चढ़ा जाता है
ऊपर से रास्ते की ठोकरें
ऊपर से रास्ते की ठोकरें
हजार बार कराती चलती हैं औकात बोध
फिर भी घिसा पिटा कॉलर खड़ा करने से
कहां बाज आया जाता है
कहां बाज आया जाता है
कांटा लगा मिर्ची लगी मुस्कुराते हुए गाने वाले
एक नहीं हजार मिलते हैं
एक नहीं हजार मिलते हैं
लेकिन फिर भी
नहीं होने देंगे इसे तो कभी नहीं के बीच
एक लंबी पारी खेलने वाले के लिए
आउट होते समय भी
अंततः हो जाना बहुत बड़ी बात है
आउट होते समय भी
अंततः हो जाना बहुत बड़ी बात है
है कि नहीं आप ही बताइए
और मुस्कुराइए आप भी हैं
हमे समझाने के लिए
हमारे होने ना होने के
बीच का अगर कुछ है
आप के पास
हमारे होने ना होने के
बीच का अगर कुछ है
आप के पास
चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 13 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंपहले कुछ होना, फिर कुछ भी न होना और अंत में सब कुछ हो जाना शायद यही कहना चाहते होंगे वह
जवाब देंहटाएंऔर मुस्कुराइए आप भी हैं
जवाब देंहटाएंहमे समझाने के लिए
हमारे होने ना होने के
बीच का अगर कुछ है
आप के पास
—मुस्कुराते रहना : ना जानें कब आउट हो जायें
साधुवाद इस लेखन hetu
ख्याली पुलाव भी तो हर किसी को नहीं होते ...
जवाब देंहटाएंसारी करनी जब इतिहास हो जाती है तब होना ना होना बराबर हो जाता है, खुद कहने से क ई बेहतर होता है कि कोई कहे कि हो तुम । पर ना भी कहे कोई तो भी मन को मनाना सीखना होगा..बाकी तो सही कहा आपने ऊपर से रास्ते की ठोकरें
जवाब देंहटाएंहजार बार कराती चलती हैं औकात बोध ....
धीरे धीरे समझ आ ही जाता है नासमझ को भी बड़ों के होने का मतलब
बहुत ही लाजवाब चिंतनपरक 👌👌🙏🙏
बहुत सुन्दर सृजन सर ! सादर नमस्कार !
जवाब देंहटाएंऊपर से रास्ते की ठोकरें,
जवाब देंहटाएंहजार बार कराती चलती हैं औकात बोध ...ये जो औकात है ना वो है ही इतनी जालिम शह ... वाह.. बहुत खूब
अभिनव
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