उसे मालूम है
किसी के कुछ भी कहने देने से
कहीं भी कुछ भी नहीं होना है
उसी के सारे कहने वालों ने मिलकर
सब कुछ उसी का कहना
उसी के शब्दों उसी की भाषा
उसी की आवाज में ही कहना है
बड़ा बैनर है बड़ी बातें को
बड़े बड़े खम्भों के बीच में बड़ी शान से रहना है
खड़े हैं चाहे बड़े हैं खम्भों का बोझ
कौन सा किसी को अपने कंधों पर ही सहना है
छोटे छोटे
छोटे नारों के छोटे विचारों के
छोटे करतब बाजों को एक खम्भे से
दूसरे खम्भे तक दौड़ते कूदते रहना है
बहस होनी है देश के लिये
देशवासियों के सिवा
इसने उसने सभी ने उसमें रहना है भाग लेना है
कहना क्या है क्या नहीं है
ना सोचना इसने है ना उसने है
समझने की बात है समझने वालों के लिये
नासमझ होने से दिखाने से
इसका उसका सबका ही भला होना है
अपनी बातों को
अपनी सोच के साथ
बस चाँद तारों की दुनियाँ के लिये
छोड़ देना है
मत कर ‘उलूक’ इतनी हिम्मत
सब कुछ कह देने की अपनी
अपनी अपनी कह देने वाले को सुना है
अब यहाँ नहीं कहीं और जा कर के रहना है ।
चित्र साभार: es.dreamstime.com

क्रांतिकारी विचार |
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (25-11-2015) को "अपने घर भी रोटी है, बे-शक रूखी-सूखी है" (चर्चा-अंक 2171) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
कार्तिक पूर्णिमा, गंगास्नान, गुरू नानर जयन्ती की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जय मां हाटेशवरी....
जवाब देंहटाएंआप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 25/11/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की जा रही है...
इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, कहीं ई-बुक आपकी नींद तो नहीं चुरा रहे - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसोचना है कि
कहाँ पर सोचा जाए
..एक गम्भीर चिन्तन
सादर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 23 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है
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