लिखना जरूरी है
पढ़ने वालों के लिये मत रुक ना
लिख कुछ भी
काम तमाम कर ना
चल शुरू हो जा
जाड़े निकल चुके हैं गरमी शुरु हो चुकी है
अब फैल कर लिख ना
चल शुरू हो जा
जितना सिकुड़ना था जिसको
वो सिकुड़ चुका है
जितना उखड़ना था जिसको
वो उखड़ चुका है
मन करता है तेरा उड़ने का
तो किसने रोका है उड़ ना
चल शुरू हो जा
सबके वो पहुँच चुके हैं वहाँ
जहाँ पहुँचना था उनको
अब किसका क्या होगा
खाली पीली में गिनती मत गिन ना
सपने उनके तुझे देखने हैं किसलिये
दिन में तारे गिन ना
चल शुरू हो जा
सबकी अपनी ढपली है सबके अपने राग हैं
किसी को लगती है मिर्ची
किसी को लगती आग है
सारे ठंडे कूल कूलों को गिन ना
चल शुरू हो जा
कुछ कर मत
बस पूरे दिन
सुबह से लेकर शाम तक
जप मंत्र किसी मनुष्य के
वीडियो बना कर फेस बुक में डाल कर
लाईक गिन ना
चल शुरू हो जा
विद्वानों को सलाम कर
मूर्खों का कत्ले आम कर
जरूरी होता है देखना प्रमाणपत्र विद्वता का
किसने दिया होता है रहने दे ना
अपना काम कर
मूर्ख बनने का अपना मजा है बन ना
चल शुरू हो जा
बहुत कुछ समझाते हैं बहुत कुछ
बहुत जगह पर बहुत सारे लोग
अपनी अपनी खुजली
सबको खुजलानी होती है
तू भी अपनी खुजला अपना काम कर ना
चल शुरू हो जा ।
चित्र साभार: http://www.clipartkid.com/owl-writing-clipart-writing-owl-teacher-DiXTNs-clipart/
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 09 मार्च 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंउलूक अगर कुर्सी पर बिठाने की गारंटी देगा तो हम शुरू हो जाएँगे.
जवाब देंहटाएंविद्वानों को सलाम कर
जवाब देंहटाएंमूर्खों का कत्ले आम कर
जरूरी होता है देखना प्रमाणपत्र विद्वता का
किसने दिया होता है रहने दे ना
अपना काम कर
मूर्ख बनने का अपना मजा है बन ना
चल शुरू हो जा.....
बेहतरीन रचना 🙏
बहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब!
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