माना
कि कोई
कितना भी सांप हो लेता है
एक लम्बे समय तक कुण्डली मार लेने के बाद
सीधे हो कर लौटना आसान नहीं होता है
कितना भी सांप हो लेता है
एक लम्बे समय तक कुण्डली मार लेने के बाद
सीधे हो कर लौटना आसान नहीं होता है
सांप होना काटने की आदत होना
अलग अलग बातें होती हैं
और हर सांप जहरीला हो
ये भी जरूरी नहीं होता है
सावन का महीना शिव के लिए होता है
सांप बस गले में लपटने के लिए भी होता
है
भस्म मलने के लिए होती है
भस्मासुर हर पहर का
उसी पहर में भस्म नहीं होता है
भस्म मलने के लिए होती है
भस्मासुर हर पहर का
उसी पहर में भस्म नहीं होता है
जिसमे उसे मलने के लिए शिव खडा होता है
अजीब सी बातें हैं अजीब सी आदतें हैं
अजीब सा समा है अजीब से मेहमा है
क्या होता है अगर तजुर्बा नहीं होता है
शब्द हुंकार के डमरू में सुनाई देते हैं
उसके लिए कान खड़े हों
ये भी कहीं लिखा नहीं होता है
एक लंबा समय लगता है पूँछ को टेडे होने में
सीधे कर लेने के सपने देख लेने का
कोई समय नहीं होता है
रेत पर बने महल कई सालों तक यूं ही खड़े रह सकते हैं
किसने कह दिया
इस बार की आंधी ने पहले से अगर आगाह कर भी दिया होता है
हजारों कश्तियां होती हैं समुन्दर में कही ना कहीं
जहां और जब डूबना होता है
वो समाचार अखबार में कभी भी
बहुत पहले से नहीं होता है
‘उलूक’ इंतज़ार कर
खुश हो कर सोच ले
इस बार नहीं तो अगले किसी बार
टाईटैनिक के डूब लेने का मुहूरत
कहीं ना कहीं तो लिखा होता है|
चित्र साभार: https://www.deviantart.com/