किसी ने
उलाहना दिया
सामने से एक
आइना रख दिया
जोर का झटका
थोड़ा धीरे से
मगर लग गया
ऐसा नहीं कि ऐसा
पहली बार हुआ
कई बार
होता आया है
आज भी हुआ
बेशर्म हो जाने के
कई दिनों के बाद
किसी दिन कभी
जैसे शर्म ने
थोड़ा सा हो छुआ
लगा जैसे
कुछ हुआ
थोड़ी देर के
लिये ही सही
नंगे जैसे होने का
कुछ अहसास हुआ
हड़बड़ी में अपने ही
हाथ ने अपने
ही शरीर पर
पड़े कपड़ों को छुआ
थोड़ी राहत सी हुई
अपने ही अंदर के
चोर ने खुद से ही कहा
अच्छा हुआ बच गया
सोच में पड़ गया
खुद के अंदर झाँकने
के लिये किसके कहने
पर आ कर गया
समझ में आना
जरूरी हो गया
‘उलूक’ उलाहना
क्यों दिया गया
अपने चेहरे को
खुद अपने आइने
में देखने के बदले
कोई अपना आइना
पानी से धोकर
धूप में सुखा कर
साफ कपड़े
से पोंछ कर
तेरे सामने से
क्यों खड़ा
कर गया
जोर का झटका
किसी और का
थोड़ा धीरे
से ही सही
किसी और को
लगना ही था
लग गया ।
चित्र साभार: acmaps.info.yorku.ca
उलाहना दिया
सामने से एक
आइना रख दिया
जोर का झटका
थोड़ा धीरे से
मगर लग गया
ऐसा नहीं कि ऐसा
पहली बार हुआ
कई बार
होता आया है
आज भी हुआ
बेशर्म हो जाने के
कई दिनों के बाद
किसी दिन कभी
जैसे शर्म ने
थोड़ा सा हो छुआ
लगा जैसे
कुछ हुआ
थोड़ी देर के
लिये ही सही
नंगे जैसे होने का
कुछ अहसास हुआ
हड़बड़ी में अपने ही
हाथ ने अपने
ही शरीर पर
पड़े कपड़ों को छुआ
थोड़ी राहत सी हुई
अपने ही अंदर के
चोर ने खुद से ही कहा
अच्छा हुआ बच गया
सोच में पड़ गया
खुद के अंदर झाँकने
के लिये किसके कहने
पर आ कर गया
समझ में आना
जरूरी हो गया
‘उलूक’ उलाहना
क्यों दिया गया
अपने चेहरे को
खुद अपने आइने
में देखने के बदले
कोई अपना आइना
पानी से धोकर
धूप में सुखा कर
साफ कपड़े
से पोंछ कर
तेरे सामने से
क्यों खड़ा
कर गया
जोर का झटका
किसी और का
थोड़ा धीरे
से ही सही
किसी और को
लगना ही था
लग गया ।
चित्र साभार: acmaps.info.yorku.ca