अचानक
हवा चलनी
बन्द हो
जाती है
साँय साँय
की आवाज
सारे जंगल
से गायब
हो जाती है
कितनी भी
सूईंयाँ गिरा
ले जाये कोई
रास्ते रास्ते
आवाज
जरूर होती
होगी इतनी
खामोशी में
पर
कान तक
पहुँचने
पहुँचने तक
पता नहीं
चलता है
कैसे किस
सोख्ते में
सोख ली
जाती है
ढोलचियों
के खुद के
रोजाना
खुद के लिये
अपने हाथों
से ही पीटे
जाने वाले
ढोल सारे
लटके हुऐ
कहीं नजर
आते हैं
मातम मना
रहे हों जैसे
सारे मिल
जुल कर
कुछ इसी
तरह का
अहसास
कराते हैं
शेरों के
मुखौटे भी
नजर आते
हैं गर्दनों से
पीछे की
ओर लटके हुऐ
सारे गधे
गधों के
कान के
पीछे कुछ
फुसफुसाते
हुऐ पाये
जाते हैं
ये बात
कोई नयी
नहीं होती है
ऐसी बात
भी नहीं है
कि हमेशा
ही होती है
बस कभी
हजार दो
हजार
बार की
हरकतों
के बीच
कहीं
कोई एक
दो गिरोह
के साथी
अपने ही
घर की
थालियों
की रोटियाँ
छिपाते
हुऐ पकड़े
जाते हैं
कोई सजा
किसी को
नहीं होती है
अपनी
सरकार
होती है
इन्ही में से
किसी को
पुरुस्कार
बाँटे जाते हैं
खामोशी भी
कुछ दिनों
की होती है
चिकने घड़े
भी कहाँ
किसी के
हाथ में
आते हैं
शोर नहीं
होता है
कुछ देर में
फुसफुसाने
वाले भी
अपने अपने
घरों को
चले जाते हैं
हवा की
मजाल है
की रुक सके
ज्यादा देर तक
पेड़ जल्दी ही
साँय साँय
करना शुरु
हो जाते हैं
‘उलूक’
रोक लेता है
थूक अपना
अपने गले के
बीच में ही कहीं
सारे मुखौटे
पीठ के पीछे
से निकल कर
गधों के चेहरों
पर वापस
फिर से चिपके
हुऐ नजर आते हैं
उत्सव फिर
शुरु होते हैं
जश्न मनाते हुऐ
बेशरम ठहाके
भी साथ
में लगाते हैं।
चित्र साभार: fallout.wikia.com
हवा चलनी
बन्द हो
जाती है
साँय साँय
की आवाज
सारे जंगल
से गायब
हो जाती है
कितनी भी
सूईंयाँ गिरा
ले जाये कोई
रास्ते रास्ते
आवाज
जरूर होती
होगी इतनी
खामोशी में
पर
कान तक
पहुँचने
पहुँचने तक
पता नहीं
चलता है
कैसे किस
सोख्ते में
सोख ली
जाती है
ढोलचियों
के खुद के
रोजाना
खुद के लिये
अपने हाथों
से ही पीटे
जाने वाले
ढोल सारे
लटके हुऐ
कहीं नजर
आते हैं
मातम मना
रहे हों जैसे
सारे मिल
जुल कर
कुछ इसी
तरह का
अहसास
कराते हैं
शेरों के
मुखौटे भी
नजर आते
हैं गर्दनों से
पीछे की
ओर लटके हुऐ
सारे गधे
गधों के
कान के
पीछे कुछ
फुसफुसाते
हुऐ पाये
जाते हैं
ये बात
कोई नयी
नहीं होती है
ऐसी बात
भी नहीं है
कि हमेशा
ही होती है
बस कभी
हजार दो
हजार
बार की
हरकतों
के बीच
कहीं
कोई एक
दो गिरोह
के साथी
अपने ही
घर की
थालियों
की रोटियाँ
छिपाते
हुऐ पकड़े
जाते हैं
कोई सजा
किसी को
नहीं होती है
अपनी
सरकार
होती है
इन्ही में से
किसी को
पुरुस्कार
बाँटे जाते हैं
खामोशी भी
कुछ दिनों
की होती है
चिकने घड़े
भी कहाँ
किसी के
हाथ में
आते हैं
शोर नहीं
होता है
कुछ देर में
फुसफुसाने
वाले भी
अपने अपने
घरों को
चले जाते हैं
हवा की
मजाल है
की रुक सके
ज्यादा देर तक
पेड़ जल्दी ही
साँय साँय
करना शुरु
हो जाते हैं
‘उलूक’
रोक लेता है
थूक अपना
अपने गले के
बीच में ही कहीं
सारे मुखौटे
पीठ के पीछे
से निकल कर
गधों के चेहरों
पर वापस
फिर से चिपके
हुऐ नजर आते हैं
उत्सव फिर
शुरु होते हैं
जश्न मनाते हुऐ
बेशरम ठहाके
भी साथ
में लगाते हैं।
चित्र साभार: fallout.wikia.com