दो दिन
निकल लिये
कौन से
कैलेण्डर
के निकले
पता नहीं है
सोमवार
मंगलवार
की चीर फाड़
कब
शुरु होगी
कौन करेगा
अभी तो
किसी ने कुछ
कहा नहीं है
दो दिन पहले
घर पर लटके
कैलेण्डर में
चढ़ी तारीख
उछल रही थी
देखा था
सपने में
सपने
देखने पर
अभी तक तो
कोई पैसा
लगा नहीं है
पूना में हुई है
मारपीट
सुना है
अभी अभी
समाचार में
कौन मरा है
किसने मारा है
कितने मरे हैं
क्यों मारे हैं
इस सब से
किस
कैलेण्डर
को कहाँ
लटकना
है से
कुछ भी तो
लेना देना
नहीं है
दो दिन पहले
महसूस हुआ था
शुभकामनाएं ले लो
किसी से कहा था
जवाब मिला था
मेरा तो आज
नहीं होता है
मना किया
गया है मुझे
आज कुछ भी
किसी से
लेना नहीं है
इन्तजार होना
शुरु हो गया है
‘उलूक’ को
देखने का
हाथों को अलग
पैरों को अलग
आँखों को अलग
कानो को अलग
नाचते हुऐ
अलग अलग
अपने अपने
घरों में अलग
वैसे भी
आदमी को पूरा
एक साथ खुद में
आदमी रह कर
अब होना भी
कोई होना नहीं है ।
चित्र साभार: https://drawception.com
निकल लिये
कौन से
कैलेण्डर
के निकले
पता नहीं है
सोमवार
मंगलवार
की चीर फाड़
कब
शुरु होगी
कौन करेगा
अभी तो
किसी ने कुछ
कहा नहीं है
दो दिन पहले
घर पर लटके
कैलेण्डर में
चढ़ी तारीख
उछल रही थी
देखा था
सपने में
सपने
देखने पर
अभी तक तो
कोई पैसा
लगा नहीं है
पूना में हुई है
मारपीट
सुना है
अभी अभी
समाचार में
कौन मरा है
किसने मारा है
कितने मरे हैं
क्यों मारे हैं
इस सब से
किस
कैलेण्डर
को कहाँ
लटकना
है से
कुछ भी तो
लेना देना
नहीं है
दो दिन पहले
महसूस हुआ था
शुभकामनाएं ले लो
किसी से कहा था
जवाब मिला था
मेरा तो आज
नहीं होता है
मना किया
गया है मुझे
आज कुछ भी
किसी से
लेना नहीं है
इन्तजार होना
शुरु हो गया है
‘उलूक’ को
देखने का
हाथों को अलग
पैरों को अलग
आँखों को अलग
कानो को अलग
नाचते हुऐ
अलग अलग
अपने अपने
घरों में अलग
वैसे भी
आदमी को पूरा
एक साथ खुद में
आदमी रह कर
अब होना भी
कोई होना नहीं है ।
चित्र साभार: https://drawception.com