छठ पूजा
पर खबर
चल रही थी
मतलब
की बात
कुछ भी
नहीं निकल
रही थी
अचानक
सूत्रधार ने
कुछ
ऐसा बताया
कान पहले
दायाँ हिला
फिर बायाँ भी
ऐसा लगा
कुछ नया
सा हाथ में
फिसल कर
चला आया
इतना कुछ
इधर उधर का
लिखा पढ़ा
कहीं कुछ भी
काम में नहीं आया
तब जाकर
कुछ सोच कर
कुछ नया
सीखने
पढ़ने का
मन बनाया
शादी हुऐ
हो गये
इतने बरस
इतनी
छोटी सी
बात पर
ध्यान
नहीं जा पाया
सूर्य देवता
की भी थी
दो पत्नियाँ
किसी भी
पत्नी ने
अपने पति को
इस बात को
पता नहीं
क्यों नहीं बताया
इतनी उर्जा
इतनी शक्ति
कैसे
इस सब
के बाद भी
जमा किया
सूरज अपने में
साथ साथ सारी
सृष्टि में भी
बाँट पाया
कभी भी नहीं
हुआ ऐसा
सुबह किसी दिन
थोड़ा देर से हो
निकल कर आया
महान
देवता सूर्य
और उनकी
महान पत्नियाँ
ऊषा
और प्रत्यूषा
को नमन
करते हुऐ
छठ पूजा के
मौके पर
‘उलूक’
ने भी
सम्मान में
हाथ जोड़ कर
अपना सर झुकाया
शायद
आ जाती हो
शक्ति बहुत
एक के बाद
दूसरी करने पर
ये बात जरूर
इस बात से
समझ पाया
बस केवल
दूसरी करने की
शक्ति और हिम्मत
ही नहीं जुटा पाया
हर पर्व कुछ ना
कुछ समझाता है
कौन बताता है
किसकी समझ में
क्या है आया।
चित्र साभार: www.royalty-free-clip-art-of.com
पर खबर
चल रही थी
मतलब
की बात
कुछ भी
नहीं निकल
रही थी
अचानक
सूत्रधार ने
कुछ
ऐसा बताया
कान पहले
दायाँ हिला
फिर बायाँ भी
ऐसा लगा
कुछ नया
सा हाथ में
फिसल कर
चला आया
इतना कुछ
इधर उधर का
लिखा पढ़ा
कहीं कुछ भी
काम में नहीं आया
तब जाकर
कुछ सोच कर
कुछ नया
सीखने
पढ़ने का
मन बनाया
शादी हुऐ
हो गये
इतने बरस
इतनी
छोटी सी
बात पर
ध्यान
नहीं जा पाया
सूर्य देवता
की भी थी
दो पत्नियाँ
किसी भी
पत्नी ने
अपने पति को
इस बात को
पता नहीं
क्यों नहीं बताया
इतनी उर्जा
इतनी शक्ति
कैसे
इस सब
के बाद भी
जमा किया
सूरज अपने में
साथ साथ सारी
सृष्टि में भी
बाँट पाया
कभी भी नहीं
हुआ ऐसा
सुबह किसी दिन
थोड़ा देर से हो
निकल कर आया
महान
देवता सूर्य
और उनकी
महान पत्नियाँ
ऊषा
और प्रत्यूषा
को नमन
करते हुऐ
छठ पूजा के
मौके पर
‘उलूक’
ने भी
सम्मान में
हाथ जोड़ कर
अपना सर झुकाया
शायद
आ जाती हो
शक्ति बहुत
एक के बाद
दूसरी करने पर
ये बात जरूर
इस बात से
समझ पाया
बस केवल
दूसरी करने की
शक्ति और हिम्मत
ही नहीं जुटा पाया
हर पर्व कुछ ना
कुछ समझाता है
कौन बताता है
किसकी समझ में
क्या है आया।
चित्र साभार: www.royalty-free-clip-art-of.com