एक नहीं
कई कई हैं
बहुत
से हैं
सबूत हैं
चलते फिरते
नजर
आते हैं
आते हैं
असल
में
ताबूत हैं
ख्वाबों
में
कफन
बेचते हैं
जीवन बीमा
के
दूत हैं
दूत हैं
नाटक
में
पात्र हैं
सुंदर
से
देवदूत हैं
विज्ञापन
में
इंसान हैं
इंसानों
में
भूत हैं
बाहर
से
सजने सवरने
की
मनचाही है
मनचाही है
और खुली छूट है
अंदर
छुपी
कहीं पर
लम्बी एक
सूची है
पहली लिखी
इबारत
जिसमें
लूट सके
तो
लूट है ।
लूट है ।
चित्र साभार: pixshark.com