अपनी
अपने घर की
अपने आसपास के
ढोल की
पोल छिपाइये
कहीं दूर
बहुत दूर से
फटे गद्दे रजाई के
खोल ढूँढ कर लाइये
फोटो खींचिये
धूप
अगरबत्ती दिखाइये
दूर बैठे
मुच्छड़ सूबेदार
की बन्दूक
के गरजने
की आवाज
सुनाइये
पास में
घूम रहे उसके
आवारा कुत्तों की
लगातार
हिल रही पूँछों को
फैलाने का
जुगाड़ लगाइये
बेवकूफ
मान लीजिये सबको
खुद को छोड़ कर
बेसुरी
आवाज में
बेसुरा गाइये
लाईन
में लगे हुऐ
अपनी तरह के
ढपोर शंखों
की सेना से
बिगुल बजवाइये
चमगादड़
बन जाइये
उल्टा लटकने को
सीधा बताइये
सीधे को
उल्टा समझाइये
कुछ भी करिये
अपने
गली मोहल्ले की
तस्वीर ज्यादा दूर
पहुँचने से बचाइये
ऊपर दूर
कहीं के चाँद के
सपने दिखाइये
हो सके तो
और दूर मंगल
तक भी ले जाइये
इससे
ज्यादा कर सकें तो
अगली आकाश ग़ंगा
को खोजने के
राकेट में बैठा
कर चले आइये
रात में
देखने वाले
‘उलूक’ को
उजाले की तस्वीर
ला लाकर दिखाइये
चुपचाप
बैठे हुओं को
किसी तरह
चिल्लाने
के लिये भड़काइये
शोर
खत्म हो
इक तमाशे का
उस से पहले
एक और झोपड़ी में
जा कर दियासलाई
लगा कर आइये।
चित्र साभार: http://sucai.redocn.com
अपने घर की
अपने आसपास के
ढोल की
पोल छिपाइये
कहीं दूर
बहुत दूर से
फटे गद्दे रजाई के
खोल ढूँढ कर लाइये
फोटो खींचिये
धूप
अगरबत्ती दिखाइये
दूर बैठे
मुच्छड़ सूबेदार
की बन्दूक
के गरजने
की आवाज
सुनाइये
पास में
घूम रहे उसके
आवारा कुत्तों की
लगातार
हिल रही पूँछों को
फैलाने का
जुगाड़ लगाइये
बेवकूफ
मान लीजिये सबको
खुद को छोड़ कर
बेसुरी
आवाज में
बेसुरा गाइये
लाईन
में लगे हुऐ
अपनी तरह के
ढपोर शंखों
की सेना से
बिगुल बजवाइये
चमगादड़
बन जाइये
उल्टा लटकने को
सीधा बताइये
सीधे को
उल्टा समझाइये
कुछ भी करिये
अपने
गली मोहल्ले की
तस्वीर ज्यादा दूर
पहुँचने से बचाइये
ऊपर दूर
कहीं के चाँद के
सपने दिखाइये
हो सके तो
और दूर मंगल
तक भी ले जाइये
इससे
ज्यादा कर सकें तो
अगली आकाश ग़ंगा
को खोजने के
राकेट में बैठा
कर चले आइये
रात में
देखने वाले
‘उलूक’ को
उजाले की तस्वीर
ला लाकर दिखाइये
चुपचाप
बैठे हुओं को
किसी तरह
चिल्लाने
के लिये भड़काइये
शोर
खत्म हो
इक तमाशे का
उस से पहले
एक और झोपड़ी में
जा कर दियासलाई
लगा कर आइये।
चित्र साभार: http://sucai.redocn.com