दीमकों
का काम
ही होता है
कुतरना
उसी
काम को
वो करते
जा रहे हैं
सारे दीमक
कुतरने में
लगे हुऎ हैं
जब एक
निकाय को
हे दीमक
तेरे
रंग ढंग
मेरी
समझ में तो
नहीं आ रहे हैं
दीमक है
दीमकों के
बीच में रहता है
दीमक हूँ भी
हमेशा से
खुद ही कहता है
फिर
वो कौन लोग हैं
जो
तुझ को
तेरे पेशे से ही
दूर ले जा रहे हैं
ऎसी
अजीब सी
हरकत तुझसे
पता नहीं क्यों
करवा रहे हैं
लगता है
दीमकों की
रानी का
नहीं होना
तेरे
कदमों को
पीछे को
ले जा रहे हैं
समझता
क्यों नहीं
राजतंत्र
अब बचा नहीं
दीमक ही
उसे कुतर कर
दफना कर के
आ रहे हैं
दीमकतंत्र
का आह्वान
किया जा चुका है
दीमकों
के बीच से ही एक को
दीमकों
की रानी की
कुर्सी में बैठाया
भी जा चुका है
दीमक
अब दीमकतंत्र
को फैला रहे हैं
उसी का बाजा
बजा रहे हैं
उसी को खाये
भी जा रहे हैं
दीमक हैं
और
दीमकों के जैसे
कामों को ही
तो कर रहे हैं
खुद कुतर रहे हैं
कुतरने के काम ही
करवाऎ जा रहे हैं
ये सब तो आम
सी ही बातें हैं
इस को हम कहाँ
किसी को समझाने
को जा रहे हैं
पर दीमकों मे से
एक दीमक इतना
ऎबनार्मल हो जायेगा
बस यही बात
अपने गले के नीचे
नहीं उतार पा रहे हैं
समझता क्यों नहीं
कुतरने का काम तो
चलता ही चला जायेगा
निकाय को
गिरना ही है
एक दिन
वो गिर कर
जमीन पर
आ ही जायेगा
दीमकों ने
कुतर कुतर
के खा दिया है अंदर से
किसी को
कहाँ ये सब
पता चल पायेगा
गिरने से पहले ही
हर दीमक भाग कर
दूसरी नयी जगह पर
जब पहुँच जायेगा
ना तेरा नाम होगा
नहीं कुतरने वालों में
ना कुतरने वालों को
ही कहीं गिना जायेगा
वो सब भी
दीमक ही रहेंगे
तुझे भी दीमकों में
ही गिना जायेगा
आपदा के नाम से
किसी के हाथ में एक
कटोरा जरूर आ जायेगा
दीमकों को कहीं
और कुतरने के काम
के लिये भेज दिया जायेगा
तू कुतर
तू ना कुतर
तुझे दीमक ही तो
तब भी कहा जायेगा
सारे दीमक लगे हैं
जब कुतरने में
कोई इतना समय
कहाँ निकाल पायेगा
फिर
ये बात पता नहीं
कौन आ कर
तुझे इस समय
समझायेगा
हे दीमक
तू दीमक था
दीमक है
दीमक ही रहेगा
दीमक ही
एक कहलायेगा ।