एक पुरानी दीवार के पलस्तर को ढकने वाले हैं पुराने फटे कपड़े के दो टुकड़े कर दो नये करने वाले हैं
संदर्भ: कुमाऊँ विश्वविद्यालय
खबर
हवा में हो तो
खुश्बू
हवा में हो तो
खुश्बू
खुश्बू?
कहना ठीक नहीं
गंध कहना सही रहेगा
सड़ी गली चीजों के साथ
रहते उठते बैठते
आदत हो जाती है
आदत हो जाती है
और दुर्गंध भी किसी के लिये
एक सुगँध हो जाती है
अपनी अपनी नाक से
अपने अपने हिसाब से सूँघना
हाँ तो
मैं कहते कहते
गंध पर ही अटक गया
क्या क्या नहीं होता है
अपने ही आस पास भी
अटकने के लिये
ध्यान बंट ही जाता है
खबर की गंध थी
आज आ भी गई
टी वी में अखबार में
जगह जगह के समाचार में
एक फटे पैबंद से पट चुके कपड़े के
दिन फिर से फिरने वाले हैं
सरकार तैयार हो गई है
दो टुकड़े करके इधर उधर के
दो चार फटे कपड़ों के साथ
जोड़ जुगाड़ कर फिर से
जोड़ जुगाड़ कर फिर से
सिलने वाले हैं
जिसे नया कपड़ा कह कर
उसी पुराने नंगे बदन को
फिर से ढकने वाले हैं
जिसके कपड़े एक बार फिर से
आजादी के साठ दशकों के बाद
काट छाँट करने के लिये
जल्दी उतरने वाले हैं
जल्दी उतरने वाले हैं
बहुत खुश हैं खुश होने वाले
लिखने वाले का काम है लिखना
एक दो पन्ने ‘उलूक’ के
बही खाते में गीले आटे को
पोत पात कर चिपकने वाले हैं
चीटीं ने कौन सा उड़ना है
अगर दिखे भी सामने सामने से
उसके बदन पर पर निकलने वाले हैं
जुगाड़ियों का क्या जुगाड़ है
इस सब के पीछे
क्या सोचना
जुगाड़ियों के दिन फिरते रहते हैं
जुगाड़ो से एक बार शायद
और भी फिरने वाले हैं
और भी फिरने वाले हैं
भौंचक्का क्यों होता है सुन कर
अच्छे दिन देश के लिये ही जरूरी नहीं हैं
एक फटे कपड़े के भी दिन फिरने वाले हैं ।
चित्र साभार: http://www.123rf.com/