पैट्रोल
के दाम
जब से
हैं बढे़
मुझे
अभी तक
नहीं दिखाई
दिये किसी के
कान खड़े
कल शाम
मैंने सोचा
आज
जब मैं
सड़क के
रास्ते से जाउंगा
गाड़ियांं स्कूटर
मोटरसाईकिल
सब को
गायब पाउंगा
पर सारे
छोरा छोरी
लोग
और जोर के
फर्राटे की
आवाज आज
बना रहे थे
कल तक
एक दो
चक्कर
टकराते थे
आज
सात आठ
चक्कर
लगा रहे थे
स्कूल
पहुंचने पर
किसी ने भी
पैट्रोल की
बात भी नहीं की
कारें सभी
लोगों ने
लाकर
मैदान में
आज जरूर
खड़ी की
ट्रक ट्राँस्पोर्ट
गाड़ियोंं
वाले नेता
जगह जगह
भीड़ लगवा रहे थे
पुतले सरकार
के बना बना कर
आग भी लगाते
जा रहे थे
पैट्रोल की
बात पर
किसी ने
जब मुझे
मुँह नहीं
कहींं लगाया
कामगार
नंदू की याद
ने मुझे घर को
वापस लौटाया
घर जल्दी
आकर
मैंने नंदू से
सहानुभूति
जब जताई
नंदू को
मेरी बात
आज
बिल्कुल भी
समझ में
नहीं आई
बोला
बाबू साहब
पैट्रोल बढे़
गैस बढे़
मेरा कुछ
भी कहीं
नहीं जाने
वाला है
मेरे परिवार
में तो कोई
घासलेट भी
नहीं खाने
वाला है
आप लोग
तो कार
गाड़ी पर
हमेशा जायेंगे
मेरे पैर
के छाले
तुम्हारी
सरकार
को
कहाँ
नजर
आयेंगे।
के दाम
जब से
हैं बढे़
मुझे
अभी तक
नहीं दिखाई
दिये किसी के
कान खड़े
कल शाम
मैंने सोचा
आज
जब मैं
सड़क के
रास्ते से जाउंगा
गाड़ियांं स्कूटर
मोटरसाईकिल
सब को
गायब पाउंगा
पर सारे
छोरा छोरी
लोग
और जोर के
फर्राटे की
आवाज आज
बना रहे थे
कल तक
एक दो
चक्कर
टकराते थे
आज
सात आठ
चक्कर
लगा रहे थे
स्कूल
पहुंचने पर
किसी ने भी
पैट्रोल की
बात भी नहीं की
कारें सभी
लोगों ने
लाकर
मैदान में
आज जरूर
खड़ी की
ट्रक ट्राँस्पोर्ट
गाड़ियोंं
वाले नेता
जगह जगह
भीड़ लगवा रहे थे
पुतले सरकार
के बना बना कर
आग भी लगाते
जा रहे थे
पैट्रोल की
बात पर
किसी ने
जब मुझे
मुँह नहीं
कहींं लगाया
कामगार
नंदू की याद
ने मुझे घर को
वापस लौटाया
घर जल्दी
आकर
मैंने नंदू से
सहानुभूति
जब जताई
नंदू को
मेरी बात
आज
बिल्कुल भी
समझ में
नहीं आई
बोला
बाबू साहब
पैट्रोल बढे़
गैस बढे़
मेरा कुछ
भी कहीं
नहीं जाने
वाला है
मेरे परिवार
में तो कोई
घासलेट भी
नहीं खाने
वाला है
आप लोग
तो कार
गाड़ी पर
हमेशा जायेंगे
मेरे पैर
के छाले
तुम्हारी
सरकार
को
कहाँ
नजर
आयेंगे।