बंदर बहुत
हो गये हैं
सड़क पर हैं
तख्तियाँ लिये हुऐ
आदमी और
औरतों की भीड़
आदमी के पास
ही सही चलो
मुद्दे तो कुछ
नये हो गये हैं
जुटी थी भीड़
इस से पहले भी
किसी का साथ
देने के लिये कहीं
पता भी नहीं
चला भीड़ को भी
और बनाने
वाले को भी
भीड़ के बीच
में से हट कर
कई लोग इधर
और उधर जा जा
कर खड़े हो गये हैं
मुद्दे सच में
लग रहा है
कुछ नये पैदा
हो ही गये हैं
शहर और गाँव की
गली गली में
बंदर बहुत हो गये हैं
अचंभा होना
ही नहीं था
देख कर अखबार
सुबह सुबह का
होने ही थे
'उलूक' तेरे भी
छोटे राज्य
के बनते ही
सपने एक अंधे के
सारे ही हरे
हो गये हैं
बंदर बहुत हो गये हैं
बचे हैं साल
बस कुछ कम ही
सुनाई देना है
बस सब यही ही
उनके इधर हो गये हैं
इनके उधर हो गये हैं
समय के साथ
बदलने ही हैं
चोले पुराने तक तो
अब बिकने भी
शुरु हो गये हैं
बंदर बहुत हो गये हैं
मुद्दा गरम है बंदर का
राम नाम जपना
सिखाने को उनको
नये कुछ विध्यालय
भी खुलना
शुरु हो गये हैं
नये मुद्दे नये
तरीके के
नये जमाने
के हो गये हैं
बंदर बहुत हो गये हैं ।
चित्र साभार: www.cartoonpitu.top
हो गये हैं
सड़क पर हैं
तख्तियाँ लिये हुऐ
आदमी और
औरतों की भीड़
आदमी के पास
ही सही चलो
मुद्दे तो कुछ
नये हो गये हैं
जुटी थी भीड़
इस से पहले भी
किसी का साथ
देने के लिये कहीं
पता भी नहीं
चला भीड़ को भी
और बनाने
वाले को भी
भीड़ के बीच
में से हट कर
कई लोग इधर
और उधर जा जा
कर खड़े हो गये हैं
मुद्दे सच में
लग रहा है
कुछ नये पैदा
हो ही गये हैं
शहर और गाँव की
गली गली में
बंदर बहुत हो गये हैं
अचंभा होना
ही नहीं था
देख कर अखबार
सुबह सुबह का
होने ही थे
'उलूक' तेरे भी
छोटे राज्य
के बनते ही
सपने एक अंधे के
सारे ही हरे
हो गये हैं
बंदर बहुत हो गये हैं
बचे हैं साल
बस कुछ कम ही
सुनाई देना है
बस सब यही ही
उनके इधर हो गये हैं
इनके उधर हो गये हैं
समय के साथ
बदलने ही हैं
चोले पुराने तक तो
अब बिकने भी
शुरु हो गये हैं
बंदर बहुत हो गये हैं
मुद्दा गरम है बंदर का
राम नाम जपना
सिखाने को उनको
नये कुछ विध्यालय
भी खुलना
शुरु हो गये हैं
नये मुद्दे नये
तरीके के
नये जमाने
के हो गये हैं
बंदर बहुत हो गये हैं ।
चित्र साभार: www.cartoonpitu.top