छोटी छोटी
दूरियों तक
साथ चले
कुछ लोग
कभी एक
लम्बे समय
के बाद
फिर कभी
दुबारा भी
नजर आ
जाते हैं
बहुत कुछ
बदल चुका
होता है
उनका
अन्दाज
उनकी चाल
गजब की
एक तेजी
के साथ
कहीं बहुत
दूर निकले
हुऐ खुद
अपने से ही
अजनबी
जैसे एक
हो जाते हैं
समय
सभी को
मौका देता है
लेकिन
सबके
बस में नहीं
होता है
उसे भुनाना
अपने लिये
अकेले
साथ लेकर
किसी ना
किसी का
सहारा
कूदते फाँदते
हवा हवा में
हवा जैसे ही
हो जाते हैं
सहारे
नहीं रखे
जाते हैं
हमेशा के
लिये
साथ में
कभी भी
मील के
पत्थर
बना बना
कर रास्ते
में ही कहीं
टिका दिये
जाते हैं
लौटते हैं
बहुत कम
लोग उसी
रास्ते से
जिस
रास्ते से
किसी दिन
बहुत पहले
चले जाते हैं
समझना
हर किसी
का आना
और
चले जाना
नहीं इतना
आसान
होता है
जहाँ
बहुत से
लोग
अपने साथ
नये रास्ते
हर बार
ही ले कर
चले आते हैं
दूरियों तक
साथ चले
कुछ लोग
कभी एक
लम्बे समय
के बाद
फिर कभी
दुबारा भी
नजर आ
जाते हैं
बहुत कुछ
बदल चुका
होता है
उनका
अन्दाज
उनकी चाल
गजब की
एक तेजी
के साथ
कहीं बहुत
दूर निकले
हुऐ खुद
अपने से ही
अजनबी
जैसे एक
हो जाते हैं
समय
सभी को
मौका देता है
लेकिन
सबके
बस में नहीं
होता है
उसे भुनाना
अपने लिये
अकेले
साथ लेकर
किसी ना
किसी का
सहारा
कूदते फाँदते
हवा हवा में
हवा जैसे ही
हो जाते हैं
सहारे
नहीं रखे
जाते हैं
हमेशा के
लिये
साथ में
कभी भी
मील के
पत्थर
बना बना
कर रास्ते
में ही कहीं
टिका दिये
जाते हैं
लौटते हैं
बहुत कम
लोग उसी
रास्ते से
जिस
रास्ते से
किसी दिन
बहुत पहले
चले जाते हैं
समझना
हर किसी
का आना
और
चले जाना
नहीं इतना
आसान
होता है
जहाँ
बहुत से
लोग
अपने साथ
नये रास्ते
हर बार
ही ले कर
चले आते हैं
कुछ नहीं
कर सकता
है “उलूक”
देख कर
किसी का
करना या
नहीं करना
जमाना जब
बदल चुका है
अपने रास्ते
खुद ही कई
उस जगह
जहाँ
कफन भी
सिले सिलाये
मिलने लगे हैं
और
जेब भी
दिखती हैं
उसमें
कई सारी
यहां तक
बटन तक
जिनमें अब
कई सारे
लगाये जाते हैं ।