जरूरी है
मनाना
जश्न
मनाना
जश्न
कुत्तों के द्वारा
घेर कर
ले जायी जा रही
भेड़ों के रेवड़ से
बाहर रहकर
जिन्दा बच गयी
भेड़ के लिये
गरड़िया
गिनता है भेड़
रेवड़ से बाहर
जंगल में
शेर की
शिकार
हो गयी भेड़ेंं
घटाना
जरुरी नहीं होता है
भीड़
भीड़ होती है
भीड़ का
चेहरा नहीं होता है
जरूरी भी
नहीं होता है कोई आधार कार्ड
भीड़ के लिये
गरड़िये को
चालाक
होना ही पड़ता है
भेड़ें बचाने
के लिये नहीं
झुंड
जिन्दा रखने के लिये
भेड़ें बचनी
बहुत जरूरी होती हैंं
संख्या नहीं
लोकतंत्र
और भीड़तंत्र
के अलावा
भेड़तंत्र का भी
एक तंत्र होता है
होशियार
लम्बे समय
तक जीते हैं
मूर्ख
मर जाते हैं
जल्दी ही
अपने
कर्मों के कारण
जन्म भोज
से लेकर
मृत्यू भोज तक
कई भोज होते हैं
बात
आनन्द
ले सकने
की होती है
उसके
लिये भी
किस्मत होनी
जरूरी होती है
इक्यावन
एक सौ एक
से लेकर करोड़
यूँ ही फेंके जाते हैं
किसी
एक भंडारे में
कई लोग
पंक्ति में बैठ कर
भोजन करते हुऐ
सैल्फी खिंचाते हैं
भेड़ेंं
मिमियाने में ही
खुश रहती होंगी
शायद
उछलती कूदती
भेड़ों
को देखकर
महसूस होता है
‘उलूक’
भेड़ें बकरियाँ
कुत्ते बन्दर गायें
बहुत कुछ सिखाती हैं
किस्मत
फूटे हुऐ लोग
आदमी
गिनते रह जाते हैं
आदमी
गिनने से
तरक्की नहीं होती है
जानवरों की
बात करते करते
बिना कुछ गिने
कहाँ से कहाँ
छ्लाँग
लगायी जाती है
स्टंट
करने वाले
बस
फिल्मीं दुनियाँ
में ही
नहीं पाये जाते हैं
बिना डोर की
पतंग
उड़ाने की
महारत
हासिल कर गये लोग
चाँद में
पतंग रख कर
वापस भी आ जाते हैं
वैज्ञानिक
हजार करोड़
से उड़ाये गये
राकेट के
धुऐं के चित्र
देख देख कर
अपने कॉलर
खड़े करते हैं
कुछ
ताली बजाते हैं
कुछ
मुस्कुराते हैं ।
चित्र साभार: www.clipartlogo.com