अभी तो
बस
शुरु सा
ही
किया है
लिखना
किसे
पता है
कहाँ तक
जा कर
सारा सब
लिख
लिया जायेगा
क्या
लिख रहे हैं
और
किसके लिये
किसलिये सोचना
अभी से
कौन सा
पढ़ लेने
वालों को
भी
समझ में
सारा
सब कुछ
इतनी जल्दी
ही
आ जायेगा
वो
लिखते हैं ये
हम
समझते हैं वो
इस उस
से
उलझते हुऐ
बहुत कुछ
गुजर जायेगा
उसका
वो
लपेटेगा उसको
उधर ही
इधर
के
लपेटे में
इधर का ही
तो
लपेटने समेटने
के
लिये आयेगा
छोटी छोटी
कहानी
कुछ पहेली
कुछ झमेले
सब के
अपने अपने
घर गली
मोहल्ले शहर के
किस लिये
सुनाने बताने समझाने
किसी
दूर बैठे
उबासी भरे
मगज के विद्वान को
कौन सा
देश बनना है
मिल मिला कर
घर घर
की
समस्याओं को
घर में
आपस में
मिलबाँट
कर
इधर से उधर
खिसका
दिया जायेगा
वो
चाँद से
सूरज तक
लिखे
बहुत अच्छा है
रात
का निसाचर
‘उलूक’
भी
तारे
नहीं भी सही
नजदीक के
किसी
उल्कापिंड तक
पहुँचा कर
पाठकों को
कुछ
कम ही मगर
उलझा
तो
ले ही जायेगा।
चित्र साभार: https://paintingvalley.com
बस
शुरु सा
ही
किया है
लिखना
किसे
पता है
कहाँ तक
जा कर
सारा सब
लिख
लिया जायेगा
क्या
लिख रहे हैं
और
किसके लिये
किसलिये सोचना
अभी से
कौन सा
पढ़ लेने
वालों को
भी
समझ में
सारा
सब कुछ
इतनी जल्दी
ही
आ जायेगा
वो
लिखते हैं ये
हम
समझते हैं वो
इस उस
से
उलझते हुऐ
बहुत कुछ
गुजर जायेगा
उसका
वो
लपेटेगा उसको
उधर ही
इधर
के
लपेटे में
इधर का ही
तो
लपेटने समेटने
के
लिये आयेगा
छोटी छोटी
कहानी
कुछ पहेली
कुछ झमेले
सब के
अपने अपने
घर गली
मोहल्ले शहर के
किस लिये
सुनाने बताने समझाने
किसी
दूर बैठे
उबासी भरे
मगज के विद्वान को
कौन सा
देश बनना है
मिल मिला कर
घर घर
की
समस्याओं को
घर में
आपस में
मिलबाँट
कर
इधर से उधर
खिसका
दिया जायेगा
वो
चाँद से
सूरज तक
लिखे
बहुत अच्छा है
रात
का निसाचर
‘उलूक’
भी
तारे
नहीं भी सही
नजदीक के
किसी
उल्कापिंड तक
पहुँचा कर
पाठकों को
कुछ
कम ही मगर
उलझा
तो
ले ही जायेगा।
चित्र साभार: https://paintingvalley.com