उलूक टाइम्स

सोमवार, 29 जुलाई 2013

सभी देखते हैं, मोर नाचते हैं. कितने बाँचते हैं !

सभी को दिखाई
दे जाते हैं रोज
कहीं ना कहीं
कुछ मोर उनके
अपने जंगलों
में नाचते हुऎ
सब लेकिन
कहाँ बताते है
किसी और को
जंगल में मोर
नाचा था और
उन्होने उसे
नाचते हुए
देखा था
बस एक तेरे
ही पेट में
बातें जरा सा
रुक नहीं
पाती हैं
मोर के नाच
खत्म होते ही
बाहर तुरंत
निकल के
आती हैं
पता है तू
सुबह सुबह
जंगल को
निकल के
चला जाता है
शाम को लौट
के आते ही
मोर के नाच
की बात रोज
का रोज यहाँ
पर बताता है
बहुत सारे
मोर बहुत से
जंगलो में रोज
नाचते हैं
बहुत सारे
लोग मोर
के नाच को
देखते हैं फिर
मोर बाँचते हैं
कुछ मोर
बहुत ही
शातिर माने
जाते हैं
अपने नाचने
की खबर
खुद ही
आकर के
बता जाते हैं
क्यों बताते हैं
ये बात
सब की
समझ में
कहाँ आ
पाती है
कभी दूसरे
किसी जंगल
से भी एक
मोर नाचने
की खबर
आती है
यहाँ का
एक मोर
वहां बहुत
दिनो से
नाच रहा है
कोई भी
उसके नाच
को पता
नहीं क्यों
नहीं बाँच
रहा है
तब जाके
हरी बत्ती
अचानक ही
लाल हो
जाती है
बहुत दिनों
से जो बात
समझ में
नहीं आ
रही थी
झटके में
आ जाती है
मोर जब
भी कहीं
और किसी
दूसरे जंगल
में जाना
चाहता है
अपना नाच
कहीं और
जाकर दिखाना
चाहता है
जिम्मेदारी
किसी दूसरे को
सौंपना नहीं
चाहता है
बिना बताये
ही चला
जाता है
बस दूसरे
मोर को
जंगल में
नाचते रहना
का आदेश
फोन से
बस दे
जाता है
इधर उसका
मोर नाच
दिखाता है
उधर उसका
भी काम
हो जाता है
सब मोर
का नाच
देखते हैं
किसी को
पता नहीं
चल पाता है ।