उलूक टाइम्स

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014

एक समझदार बेकार की चीजों के कारण कभी भी अंदर नहीं होता है

एक बियर की
खाली बोतल
एक औरत
एक मंदिर
और एक पुजारी
बहुत होती हैं
इतनी चीजें
और एक खबर
बन ही जाती है
जितना बड़ा भगवान
उतना बड़ा पुजारी
बड़े भगवान की
सेवा करने का
मेवा भी बहुत
बड़ा होता है
बड़े होटल में
जाने के लिये
लेकिन पता नहीं
उसे कौन
बोल देता है
जब कि धर्म के
हिसाब से वहाँ
जाना छोड़िये
सोचने से भी
धर्म भ्रष्ट होता है
अब कौन समझाये
बेवकूफों को
कोई वेद ग्रँथ
पढ़ लिख लेने
भर से ही
दिमाग थोड़े ना
तेज होता है
इतना तो कोई भी
सोच सकता है
कि भारतीय पुलिस
के मन आ गई
तो स्काट लैंड यार्ड
भी उनके सामने
पानी भर रहा होता है
बियर और बियर
बनाने वाली कँपनी
की गलती भी
कोई नहीं देखता है
पंडित पुजारी के
लिये वर्जित है
की चेतावनी बोतल
के तले में क्यों
नहीं छपा होता है
पुजारी होना भी
गुनाह नहीं है
बियर पीना भी
गुनाह नहीं है
एक औरत को
छू लेना
पीने के बाद
या पीने के पहले
एक गुनाह कम
या ज्यादा
जरूर होता है
इतना कम नहीं
कि माँस मछली
खाने की खबर
किसी भी अखबार
का रिपोर्टर
नहीं देता है
एक हड्डी नहीं
मिली होगी कहीं
या बात हो
गई होगी
खाने से पहले और
पीने के बाद कहीं
समझदार लोगों को
जो भी काम
करना होता है
नियम कानून के
अंदर ही जरूर
करना होता है
इन सभी मामलों से
इतना तो पता होता है
समझदार कभी भी
तिहाड़ देखने के लिये
नहीं गया होता है
पुजारी पढ़ा लिखा
एक बहुत बड़ा
बेवकूफ होता है
इतना तो पक्का ही
इन सब बातों से
सिद्ध ही होता है ।