उलूक टाइम्स

सोमवार, 11 मई 2015

बकरी और शेर भेड़िया और भेड़

भेड़िये ने
खोल ली है
आढ़त
बीमे कराने की

भेड़ें
बहुत खुश हैं अब

मरेंगी भी तो

मेमने
सड़क पर
नहीं आयेंगे

खा पी सकेंगे
बढ़ा सकेंगे खून
तब तक जब तक
शरीर के बाल उनके
बड़े नहीं हो जायेंगे

वैसे भी
भेड़िये को
कुछ नहीं
करना होता है

समझदार
भेड़िये का
एक इशारा ही
बहुत होता है

भेड़ेंं
पढ़ लिख
कर भी
अनपढ़ बनी रहें

इसका
पूरा इंतजाम
उनके पाठ्यक्रम
में ही दिया होता है

बेवकूफी
भेड़ों की
नस नस में
बसी होती है

भेड़िये
का आम
मुख्तार
होने की
हौड़ में
भेड़ें ही
भेड़ों से भिड़
रही होती हैं

इन सब में
‘उलूक’
बस
इतना ही
सोच
रहा होता है

काटने
के बाद
गर्दन
भेड़ की

किस जगह
दुनियाँ में
दूसरा कौन
ऐसा और है

जो पैसे
बीमे के
गिन रहा
होता है ।

चित्र साभार: www.canstockphoto.com