युद्ध
हो रहा है
बिगुल
बज रहा है
सारे सिपाही
हो रहे हैं
अपने अपने
हथियारों
के साथ
सीमा पर
जा रहे हैं
देश के
अन्दर
की बात
हो रही है
कुछ ही
देश प्रेमी हैं
बता रहे हैं
बाकी सब
देश द्रोही हैं
देश द्रोहियों
से आह्वान
कर रहे है
देश प्रेमियों
को चुनने
को क्यों
नहीं आगे
आ रहे हैं
देश को
किसलिये
थोड़ा सा
भी नहीं
बचा रहे हैं
देश
द्रोहियों से
कह रहे है
थोड़ा सा
कुछ तो
शरमायें
कुछ
देश भक्त
गिड़गिड़ा
रहे हैं
फालतू में
कुछ
देश द्रोहियों
के चरण
पकड़े थे
पिछली बार
आज खुल
कर बता
रहे हैं
प्रायश्चित
कर रहे हैं
इस बार
वो भी
देशभक्तों
के साथ
आ रहे हैं
समझा रहे हैं
समझिये
देश भक्त
देशभक्ति
चुनाव और
लोगों की
सक्रियता
सभी कर
रहे हैं
कुछ
ना कुछ
देश के
लिये
शहीद
होने
जा रहे हैं
‘उलूक’
तेरे दिमाग
में भरे
हुऐ गोबर
के कीड़े
बहुत
ज्यादा
कुलबुला
रहे हैं
मत खोला
कर अपना
मुँह इस
तरह से
तेरे बारे में
बहुत से
लोग लगे हैं
समझाने में
बहुत से
लोगों को
बहुत कुछ
पता नहीं
इतना एक
उल्लू से
किसलिये
लोग
घबरा रहे हैं
कल किसे
पता है
कौन रहेगा
देश भक्तों
के साथ
किसे
मालूम है
कौन रहेगा
देश द्रोहियों
के साथ
कौन से
देश भक्त
अभी जा
रहे हैं
या
कुछ देर
के बाद
आ रहे हैं
जो अभी हैं
वो रहेंगे
जो नहीं हैं
वो क्या करेंगे
किसे पता है
किसे पड़ी है
अपनी अपनी
खुजली लोग
अपने आप
खुजला रहे हैं ?
चित्र साभार: ClipartFest
हो रहा है
बिगुल
बज रहा है
सारे सिपाही
हो रहे हैं
अपने अपने
हथियारों
के साथ
सीमा पर
जा रहे हैं
देश के
अन्दर
की बात
हो रही है
कुछ ही
देश प्रेमी हैं
बता रहे हैं
बाकी सब
देश द्रोही हैं
देश द्रोहियों
से आह्वान
कर रहे है
देश प्रेमियों
को चुनने
को क्यों
नहीं आगे
आ रहे हैं
देश को
किसलिये
थोड़ा सा
भी नहीं
बचा रहे हैं
देश
द्रोहियों से
कह रहे है
थोड़ा सा
कुछ तो
शरमायें
कुछ
देश भक्त
गिड़गिड़ा
रहे हैं
फालतू में
कुछ
देश द्रोहियों
के चरण
पकड़े थे
पिछली बार
आज खुल
कर बता
रहे हैं
प्रायश्चित
कर रहे हैं
इस बार
वो भी
देशभक्तों
के साथ
आ रहे हैं
समझा रहे हैं
समझिये
देश भक्त
देशभक्ति
चुनाव और
लोगों की
सक्रियता
सभी कर
रहे हैं
कुछ
ना कुछ
देश के
लिये
शहीद
होने
जा रहे हैं
‘उलूक’
तेरे दिमाग
में भरे
हुऐ गोबर
के कीड़े
बहुत
ज्यादा
कुलबुला
रहे हैं
मत खोला
कर अपना
मुँह इस
तरह से
तेरे बारे में
बहुत से
लोग लगे हैं
समझाने में
बहुत से
लोगों को
बहुत कुछ
पता नहीं
इतना एक
उल्लू से
किसलिये
लोग
घबरा रहे हैं
कल किसे
पता है
कौन रहेगा
देश भक्तों
के साथ
किसे
मालूम है
कौन रहेगा
देश द्रोहियों
के साथ
कौन से
देश भक्त
अभी जा
रहे हैं
या
कुछ देर
के बाद
आ रहे हैं
जो अभी हैं
वो रहेंगे
जो नहीं हैं
वो क्या करेंगे
किसे पता है
किसे पड़ी है
अपनी अपनी
खुजली लोग
अपने आप
खुजला रहे हैं ?
चित्र साभार: ClipartFest