बहाने
मत बना
सही बात
साफ साफ बता
कलम
बीमार है
कागज का
पेट आज
बहुत खराब है
जैसा जुमला
अब रहने भी दे
किसी पुराने
पीतल या ताँबे के
गमले में दे सजा
कुछ भी
लिख
देने वाले
के साथ
ऐसा ही
है होता
कितने
साल हो गये
लिखते बकते
अब तो समझ ले
अभी भी
समय है
एक बार
फिर से
समझाया
जा रहा है
सुधर जा
अपने
पन्ने पर कर
जो करना है
जो देखना है
जो कहना है
किसी ने
नहीं है रोका
इधर उधर
इसके उसके
लिखे लिखाये को
देखने पढ़ने
के लिये तो
भूल कर
भी मत जा
कपड़े उतार
सड़क पर
लेट जा
अखबार के
चौथे पन्ने
यानी
बस कस्बे
की खबर
हो जा
छ्प जा
तर जा
बिना कोई
गुल छिपाये
गुल खिलाये
घर के अन्दर
मुख्य पृष्ठ में
छपने का
भूल जा
सोचना
सच में
होता है
बहुत ही बुरा
किसलिये
खाये जाता है
अपना ही दिमाग
इसमें कुछ
दिमाग लगा
लोग लिख रहे हैं
लिखते रहेंगे
दीवाने गालिब
की सोच कर
दीवाने होते रहेंगे
काहे
पागल लोगों के
लिखे लिखाये
के पीछू जाता है
अपने
पागलपन की
खुद कोई
पगलाई हुई सी
एक पागल
मोहर बना
बुराई
नहीं है
सच में
सलीकेदार
समझे बुझाये
पागलों की
भीड़ में
सच्चा एक
पागल हो जा
‘उलूक’
दुनियाँ को
समझने के लिये
किताबें मत पढ़
दुनियाँ
पागल बनाती है
समझ ले पहले से
पागल हो जा
फावड़ा उठा
अपनी
ही कब्र खोद
कब्र का पेटेंट
2019 के चुनावों
के होने से पहले
तुरन्त करा ।
चित्र साभार: www.shutterstock.com
मत बना
सही बात
साफ साफ बता
कलम
बीमार है
कागज का
पेट आज
बहुत खराब है
जैसा जुमला
अब रहने भी दे
किसी पुराने
पीतल या ताँबे के
गमले में दे सजा
कुछ भी
लिख
देने वाले
के साथ
ऐसा ही
है होता
कितने
साल हो गये
लिखते बकते
अब तो समझ ले
अभी भी
समय है
एक बार
फिर से
समझाया
जा रहा है
सुधर जा
अपने
पन्ने पर कर
जो करना है
जो देखना है
जो कहना है
किसी ने
नहीं है रोका
इधर उधर
इसके उसके
लिखे लिखाये को
देखने पढ़ने
के लिये तो
भूल कर
भी मत जा
कपड़े उतार
सड़क पर
लेट जा
अखबार के
चौथे पन्ने
यानी
बस कस्बे
की खबर
हो जा
छ्प जा
तर जा
बिना कोई
गुल छिपाये
गुल खिलाये
घर के अन्दर
मुख्य पृष्ठ में
छपने का
भूल जा
सोचना
सच में
होता है
बहुत ही बुरा
किसलिये
खाये जाता है
अपना ही दिमाग
इसमें कुछ
दिमाग लगा
लोग लिख रहे हैं
लिखते रहेंगे
दीवाने गालिब
की सोच कर
दीवाने होते रहेंगे
काहे
पागल लोगों के
लिखे लिखाये
के पीछू जाता है
अपने
पागलपन की
खुद कोई
पगलाई हुई सी
एक पागल
मोहर बना
बुराई
नहीं है
सच में
सलीकेदार
समझे बुझाये
पागलों की
भीड़ में
सच्चा एक
पागल हो जा
‘उलूक’
दुनियाँ को
समझने के लिये
किताबें मत पढ़
दुनियाँ
पागल बनाती है
समझ ले पहले से
पागल हो जा
फावड़ा उठा
अपनी
ही कब्र खोद
कब्र का पेटेंट
2019 के चुनावों
के होने से पहले
तुरन्त करा ।
चित्र साभार: www.shutterstock.com