किसी दिन तो
सब सच्चा
सोचना छोड़
दिया कर
कभी किसी
एक दिन
कुछ अच्छा
भी सोच
लिया कर
रोज की बात
कुछ अलग
बात होती है
मान लेते हैं
छुट्टी के
दिन ही सही
एक दिन
का तो
पुण्य कर
लिया कर
बिना पढ़े
बस देखे देखे
रोज लिख देना
ठीक नहीं
कभी किसी दिन
थोड़ा सा
लिखने के लिये
कुछ पढ़ भी
लिया कर
सभी
लिख रहे हैं
सफेद पर
काले से काला
किसी दिन
कुछ अलग
करने के लिये
अलग सा
कुछ कर
लिया कर
लिखा पढ़ने में
आ जाये बहुत है
समझ में नहीं
आने का जुगाड़
भी साथ में
कर लिया कर
काले को
काले के लिये
छोड़ दिया कर
किसी दिन
सफेद को
सफेद पर ही
लिख लिया कर
‘उलूक’
बकवास
करने
के नियम
जब तक
बना कर
नहीं थोप
देता है
सरदार
सब कुछ
थोपने वाला
तब तक
ही सही
बिना सर पैर
की ही सही
कभी अच्छी भी
कुछ बकवास
कर लिया कर ।
चित्र साभार: BrianSense - WordPress.com
सब सच्चा
सोचना छोड़
दिया कर
कभी किसी
एक दिन
कुछ अच्छा
भी सोच
लिया कर
रोज की बात
कुछ अलग
बात होती है
मान लेते हैं
छुट्टी के
दिन ही सही
एक दिन
का तो
पुण्य कर
लिया कर
बिना पढ़े
बस देखे देखे
रोज लिख देना
ठीक नहीं
कभी किसी दिन
थोड़ा सा
लिखने के लिये
कुछ पढ़ भी
लिया कर
सभी
लिख रहे हैं
सफेद पर
काले से काला
किसी दिन
कुछ अलग
करने के लिये
अलग सा
कुछ कर
लिया कर
लिखा पढ़ने में
आ जाये बहुत है
समझ में नहीं
आने का जुगाड़
भी साथ में
कर लिया कर
काले को
काले के लिये
छोड़ दिया कर
किसी दिन
सफेद को
सफेद पर ही
लिख लिया कर
‘उलूक’
बकवास
करने
के नियम
जब तक
बना कर
नहीं थोप
देता है
सरदार
सब कुछ
थोपने वाला
तब तक
ही सही
बिना सर पैर
की ही सही
कभी अच्छी भी
कुछ बकवास
कर लिया कर ।
चित्र साभार: BrianSense - WordPress.com
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 17 जुलाई 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबिना सर पैर
जवाब देंहटाएंकी ही सही
कभी अच्छी भी
कुछ बकवास
कर लिया कर ।
बहुत खूब !!