बहुत कुछ सिखा गया
मुझे यह बीता साल
कितना गलत पढ़ाता
रहा हूँ मैं सवाल
लोग कक्षा में वैसे तो
बहुत कम आ रहे हैं
पर कभी कभी आकर
जो वो पढा़ रहे हैं
पाठ्यक्रम में बिल्कुल
भी नहीं दिखा रहे हैं
सच बोलना है अंदर
बताया जाता रहा है
बाहर झूठ को गले से
लगाया जाता रहा है
जरूरत मुझको ही अब
पड़ गयी है फिर से
स्कूल जाने की
सच को झूठ बताके
बच्चों को पढ़ाने की
अगले साल शायद
सीख लूँ मै भी कलाकारी
ताकि आने वाले बच्चे
सीख लें थोड़ा मक्कारी
अपने को बचा के
शायद आगे ले जायेंगे
हम जैसे लोगों से खुद
व समाज को बचा पायेंगे।
मुझे यह बीता साल
कितना गलत पढ़ाता
रहा हूँ मैं सवाल
लोग कक्षा में वैसे तो
बहुत कम आ रहे हैं
पर कभी कभी आकर
जो वो पढा़ रहे हैं
पाठ्यक्रम में बिल्कुल
भी नहीं दिखा रहे हैं
सच बोलना है अंदर
बताया जाता रहा है
बाहर झूठ को गले से
लगाया जाता रहा है
जरूरत मुझको ही अब
पड़ गयी है फिर से
स्कूल जाने की
सच को झूठ बताके
बच्चों को पढ़ाने की
अगले साल शायद
सीख लूँ मै भी कलाकारी
ताकि आने वाले बच्चे
सीख लें थोड़ा मक्कारी
अपने को बचा के
शायद आगे ले जायेंगे
हम जैसे लोगों से खुद
व समाज को बचा पायेंगे।